मजदूरों ने बताया खुद को ठगा हुआ, ग्राम प्रधान ने वनरक्षी पर लगाया आरोप, विभाग ने दी सफाई
खूंटी, झारखंड : खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के एरमेरे गांव में वन विभाग पर मजदूरों को नकली ‘मनोरंजन बैंक’ के नोट से भुगतान करने का गंभीर आरोप लगा है। ये नोट असली मुद्रा नहीं, बल्कि बच्चों के खेलने वाले नकली नोट हैं, जिन पर स्पष्ट रूप से ‘मनोरंजन बैंक’ लिखा होता है। इस घटना के सामने आने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है और मजदूरों में आक्रोश है।
क्या है पूरा मामला
ग्राम प्रधान बेनार्ड आइंड ने वनरक्षी राहुल कुमार महतो पर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में वन विभाग द्वारा 25,000 पौधों का रोपण कार्य चल रहा है। इस कार्य के लिए मजदूरों को भुगतान किया जाना था। प्रधान को वनरक्षी द्वारा मनोरंजन बैंक के नोटों का एक बंडल देकर मजदूरों में बांटने को कहा गया।
जब मजदूरों ने इन नोटों का इस्तेमाल स्थानीय दुकानों में करने की कोशिश की तो उन्हें पता चला कि ये नोट असली नहीं हैं। इसके बाद उन्होंने खुद को ठगा हुआ और अपमानित महसूस किया। मजदूरों का कहना है कि उन्होंने मेहनत से काम किया, लेकिन उन्हें मजाक में नकली नोट पकड़ा दिए गए।
मजदूरों ने जताई नाराज़गी
मजदूरों ने आरोप लगाया है कि वन विभाग ने उनके साथ धोखा किया है। नकली नोटों से भुगतान कर न केवल उन्हें ठगा गया, बल्कि उनके आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंचाई गई।
वन विभाग की सफाई
इस मामले में जब प्रभारी वनरक्षी अविनाश लुगुन से बात की गई तो उन्होंने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ‘मनोरंजन बैंक के नोट का मामला पूरी तरह मनगढ़ंत और विभाग को बदनाम करने की साजिश है’।
उनके अनुसार, ‘वन विभाग मजदूरों को सीधे बैंक के माध्यम से भुगतान करता है, किसी को भी नकद पैसे बांटने की जिम्मेदारी नहीं दी जाती’। उन्होंने बताया कि वनरक्षी राहुल कुमार महतो कटहल लेने एरमेरे गांव गए थे, जहां एक ग्रामीण के पास पहले से मनोरंजन बैंक के नोटों का बंडल मौजूद था।
राहुल ने महज देखने के लिए नोट मांगे और जब उनके हाथ में कटहल था, उसी समय गलती से नोटों का बंडल ग्राम प्रधान को पकड़ा दिया गया। विभाग का कहना है कि इस छोटी सी घटना को तूल देकर मीडिया में उछाला गया है।
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