

Koderma (Jharkhand) : डिजिटल युग में जहां सरकार की लोक-कल्याणकारी योजनाओं ने आम लोगों के लिए सुविधाएँ बढ़ाई हैं, वहीं साइबर अपराधी इन योजनाओं का फायदा उठाकर भोले-भाले किसानों को अपना शिकार बना रहे हैं। कोडरमा में ऐसे ही एक मामले का खुलासा हुआ है, जहाँ मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना के नाम पर किसानों से लाखों की ठगी की जा रही है।

रविवार को एक साइबर ठग ने खुद को कृषि विभाग, रांची का कर्मचारी बताकर एक पत्रकार को फोन किया। उसने विश्वास दिलाने के लिए पत्रकार का नाम, पता और यहां तक कि प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समिति, चंदवारा का सदस्य होने की जानकारी भी दी। इसके बाद उसने बताया कि मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना के तहत 16.5 लाख रुपये का ट्रैक्टर सिर्फ 1.5 लाख रुपये जमा करने पर मिलेगा।

झांसा देकर मांगे पैसे और दस्तावेज
ठग ने कहा कि कोडरमा जिले के सभी प्रखंडों से एक-एक व्यक्ति का चयन किया गया है और यदि पत्रकार इस योजना का लाभ नहीं लेता है, तो इसका लाभ किसी और किसान को दे दिया जाएगा। उसने आश्वासन दिया कि डेढ़ लाख रुपये जमा करते ही अगले दिन ट्रैक्टर घर पर पहुंच जाएगा और शेष राशि सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। इसके लिए उसने उसी व्हाट्सएप नंबर पर आधार कार्ड, वोटर कार्ड और बैंक खाते या यूपीआई आईडी पर पैसे जमा करने को कहा।

उसने अपने दावे को सही साबित करने के लिए जयनगर के एक किसान उपेंद्र यादव का उदाहरण भी दिया, जिसे डेढ़ लाख रुपये जमा करने पर ट्रैक्टर मिल चुका था। जब पत्रकार ने उसे साइबर ठगी की बात कहकर साइबर सेल में शिकायत करने की धमकी दी, तो उसने तुरंत फोन काट दिया।
साइबर ठगी से ऐसे बचें
विशेषज्ञों का कहना है कि साइबर अपराधी किसानों की आर्थिक स्थिति और सरकारी योजनाओं की जानकारी न होने का फायदा उठाते हैं। वे पैसे के साथ-साथ जरूरी दस्तावेज भी ले लेते हैं, जिनका दुरुपयोग भविष्य में भी किया जा सकता है।
साइबर ठगी से ऐसे बचें
- किसी भी सरकारी योजना की पुष्टि केवल सरकारी विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से ही करें।
- किसी भी अनजान व्यक्ति या संगठन के कहने पर अपने बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर न करें।
- सरकार की किसी भी योजना में पैसे सीधे व्यक्तिगत खाते में जमा नहीं किए जाते हैं।
- आधार कार्ड, वोटर कार्ड जैसे संवेदनशील दस्तावेज केवल अधिकृत पोर्टल पर ही दें।
- किसी भी अनजान या संदिग्ध लिंक को न खोलें।
- अपना आधार, वोटर कार्ड, बैंक डिटेल, पासवर्ड या ओटीपी किसी को न बताएं।
- अगर कोई खुद को अधिकारी बताकर पैसे मांगे, तो तुरंत मना करें।
- डिजिटल सेवाओं के लिए हमेशा मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
ठगी होने पर क्या करें?
- तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
- www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
- जितनी जल्द शिकायत करेंगे, पैसे वापस मिलने की संभावना उतनी ही बढ़ेगी।
- लेन-देन से जुड़े स्क्रीनशॉट और बैंक विवरण सबूत के रूप में संभालकर रखें।
