Ranchi (Jharkhand) : लगभग डेढ़ महीने के इंतजार के बाद, कुवैत में कार्यरत रहे दिवंगत प्रवासी श्रमिक रामेश्वर महतो का पार्थिव शरीर गुरुवार को बिरसा मुंडा हवाई अड्डा, रांची पहुंचा। झारखंड सरकार की पहल और लगातार प्रयासों के बाद, अब हजारीबाग स्थित उनके परिवार को अपने प्रियजन को अंतिम विदाई देने का अवसर मिल पाएगा।
कुवैत में हुआ था निधन, सरकार ने की पहल
जानकारी के अनुसार, हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड अंतर्गत बंडखरो ग्राम निवासी रामेश्वर महतो पिछले 12 वर्षों से कुवैत स्थित मेसर्स आईएमसीओ इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत थे। दुखद रूप से, 15 जून 2025 को हृदयगति रुकने और सांस लेने में तकलीफ के कारण उनका निधन हो गया था।
परिजनों ने 19 जून को रांची स्थित राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष से पार्थिव शरीर की वापसी के लिए अनुरोध किया था। इसके बाद, राज्य सरकार के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के अधीन संचालित प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने भारतीय दूतावास, कुवैत और रांची स्थित इमिग्रेशन कार्यालय के साथ समन्वय स्थापित कर पार्थिव शरीर को स्वदेश लाने के प्रयास शुरू किए।
कुछ विलंब के बाद परिजनों की सहमति, शव हुआ सुपुर्द
शुरुआती दौर में अंतिम भुगतान से संबंधित कुछ मुद्दों पर परिजनों की असहमति के कारण प्रक्रिया में थोड़ा विलंब हुआ। हालांकि, हजारीबाग के उपायुक्त ने 27 जुलाई को परिजनों को इस पर सहमति दिलाने में सफलता प्राप्त की। इसके बाद, संबंधित कंपनी ने पार्थिव शरीर को भारत भेजने की सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कीं।
गुरुवार, 31 जुलाई को शाम 3:45 बजे रामेश्वर महतो का पार्थिव शव रांची एयरपोर्ट पर पहुंचा। वहां मृतक के पुत्र किशोर महतो और विष्णुगढ़ के प्रखंड विकास पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने पार्थिव शरीर को प्राप्त किया। इस भावुक क्षण के साथ, परिवार का लंबा इंतजार समाप्त हुआ और अब वे अपने प्रियजन का अंतिम संस्कार कर पाएंगे। यह घटना विदेशों में कार्यरत प्रवासी श्रमिकों के लिए सरकार की संवेदनशीलता और समर्थन को दर्शाती है।