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LALU YADAV ON NITISH KUMAR : लालू ने कहा- नीतीश के लिए दरवाजे खुले, बोले तेजस्वी- ‘विदाई तय है’

by Rakesh Pandey
LALU YADAV ON NITISH KUMAR
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पटना: बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। नए साल के अवसर पर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खोलने की बात कही, जिसके बाद राज्य की सियासत में हलचल मच गई है। लालू यादव ने नीतीश कुमार को अपने गठबंधन में स्वागत करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन उनके छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसके खिलाफ स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त किया।

लालू ने कहा – दरवाजा हमेशा खुला है

लालू यादव ने पटना में एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि हमारा दरवाजा नीतीश कुमार के लिए हमेशा खुला है। अगर वह हमारे साथ आते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे। हम पुरानी बातों को भूलकर उन्हें फिर से अपने साथ लेंगे। हम तो हमेशा मिलकर बैठकर फैसले लेते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि नीतीश कुमार गठबंधन में शामिल होते हैं तो पहले की गलतियों को माफ कर दिया जाएगा और वह उनके साथ मिलकर काम करेंगे।

लालू ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार का कोई स्थिर रुख नहीं रहता है, वे अक्सर गठबंधन छोड़कर चले जाते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें गले लगाकर सहयोग करने का उनका दरवाजा हमेशा खुला रहेगा।

तेजस्वी का स्पष्ट विरोध

जहां लालू प्रसाद यादव नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापसी के पक्ष में दिख रहे हैं, वहीं उनके छोटे बेटे और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस पर विरोध जताया। तेजस्वी ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस साल नीतीश कुमार की “विदाई तय है”। उन्होंने कहा कि अब नए बीज की जरूरत है, क्योंकि 20 साल एक ही बीज बोने से फसल बर्बाद हो जाती है।उनका यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि इससे यह साफ होता है कि तेजस्वी आरजेडी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री बनने के पक्ष में हैं।

तेजस्वी का बयान क्या संकेत दे रहा है?

तेजस्वी यादव का यह बयान इस ओर इशारा करता है कि यदि नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन का हिस्सा बनते हैं, तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। तेजस्वी ने सीधे तौर पर यह भी कह दिया कि अब “नया बीज” बोने का समय आ गया है, जिसका मतलब यह हो सकता है कि वे मुख्यमंत्री बनने की योजना बना रहे हैं। यदि नीतीश कुमार इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो शायद तेजस्वी यादव अपने चाचा के लिए गठबंधन का दरवाजा खोलेंगे।

आरजेडी विधायक का भी था बयान

इससे पहले, 27 दिसंबर 2024 को आरजेडी के विधायक भाई वीरेन्द्र ने भी नीतीश कुमार के लिए बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “राजनीति में कुछ भी संभव है। कोई भी परमानेंट दोस्त या दुश्मन नहीं होता है। यदि नीतीश कुमार सांप्रदायिक शक्तियों को छोड़कर हमारे साथ आते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे।”

जैसा कि बिहार की राजनीति में नया साल आते ही इस प्रकार के बयानों और घटनाओं से हलचल मच गई है, यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले दिनों में बिहार में सत्ता और गठबंधन को लेकर बड़े बदलाव हो सकते हैं। लालू यादव के दरवाजे खोलने की बात से यह संकेत मिलता है कि वह नीतीश कुमार के साथ पुनः गठबंधन करने को तैयार हैं, लेकिन तेजस्वी यादव की बात यह दर्शाती है कि उनकी प्राथमिकता अब सत्ता की ओर है और वह मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। इस तरह से बिहार की राजनीति में एक नया समीकरण बन सकता है, जो भविष्य में राज्य की सत्ता के लिए अहम साबित हो सकता है।

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