जमशेदपुर : भगवान जगन्नाथ मौसीबाड़ी में पूरे आठ दिन रहने के बाद बुधवार को रथ पर सवार होकर अपने घर के लिए निकले। इस अवसर पर यात्रा में सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने भगवान के रथ को खींचा। इस दौरान भक्त सड़क पर झूमते-नाचते हुए रथ के साथ चलते हुए दिखाई दे रहे थे। उनके साथ बड़े भाई बलभद्र जी, छोटी बहन सुभद्रा जी भी रथ पर विराजमान होकर भक्तों को दिव्य दर्शन दे रहे थे।
शहर में इस्कॉन मंदिर को छोड़कर बाकी सभी पूजा समिति द्वारा मौसीबाड़ी मंदिर से रथ यात्रा निकाली गई। इससे पहले 20 जून को बड़ा हनुमान मंदिर मानगो, उत्कल एसोसिएशन , इस्कॉन मंदिर, बेल्डीह नागा मंदिर, खास महल जगन्नाथ मंदिर, नामदा बस्ती काली मंदिर से रथ यात्रा भव्य तरीके से निकाली गई थी। मौसीबाडी पूरे आठ दिन रुकने के बाद भगवान के रथ को फिर उनके वास्तविक निवास पर ले जाया गया।
शहर में सभी पूजा समिति द्वारा अपराह्न तीन बजे रथ यात्रा निकली गयी। साकची उत्कल एसोसिएशन के सचिव तरुण कुमार मोहंती ने बताया कि मंदिर परिसर के अंदर बने मौसीबाड़ी से रथ यात्रा निकाली गई। रथ यात्रा बाग ए जमशेद होते हुए, जुबिलि पार्क गेट से होकर, बंगाल क्लब, साकची गोलचक्कर होते हुए फिर उत्कल एसोसिएशन लाया गया। उन्होंने बताया कि भगवान अभी 3 दिन तक रथ पर ही रहेंगे।
इसके बाद 2 जुलाई को भगवान अपने मंदिर में प्रवेश करेंगे। इसी प्रकार से शिव प्रसाद शर्मा ने बताया कि 20 जून को मानगो बड़ा हनुमान मंदिर से भगवान रथ पर सवार होकर मानगो स्थित राजस्थान भवन स्थित मौसीबाड़ी लाया गया। बुधवार को धूमधाम से भगवान की घुरति रथ यात्रा निकाली गई। इस अवसर पर मानगो राजस्थान भवन मौसीबाडी से भगवान अपने रथ पर सवार होकर अपने स्थान मुखियाडांगा स्थित मंदिर के लिए प्रस्थान किये।
इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने झूमते नाचते और जयकारे लगाते हुए सड़क के रास्ते डिमना होते हुए मुखियाडांगा अपने मंदिर पहुंचे।
बेल्डीह नागा मंदिर, खास महल जगन्नाथ मंदिर, नामदा बस्ती काली मंदिर प्रांगण में बने मौसी बाडे से भगवान रथ पर सवार होकर अपने मंदिर के लिए प्रस्थान कर गये। इस अवसर पर भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया।