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शरद पूर्णिमा पर आज चंद्रग्रहण, जानिए कबसे कब तक रहेगा ग्रहणकाल, इस दौरान क्या करें

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली: आज यानी शनिवार को शरद पूर्णिमा है। इसका हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान मानी जाती हैं। यही वजह है कि इस दिन लोग खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखते हैं। हालांकि इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की छाया है।

यह साल 2023 आखिरी चंद्र ग्रहण भी होगा। इसके बाद भारत में दिखने वाला अगला चंद्र ग्रहण 2024 में 17-18 सितंबर की रात में होगा। हालांकि वैज्ञानिक दृष्टीकोंण से चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है।

इसके तहत जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है और चंद्रमा को अपनी छाया से ढक लेती है तब चंद्रमा का कुछ भाग लुप्त हो जाता है, यानी छाया के कारण चंद्रमा का यह भाग स्पष्ट दिखाई नहीं देता है, इसी खगोलीय घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। इसका ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है।

18 साल बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण:

शरद पूर्णिमा पर 18 साल बाद चंद्र ग्रहण हो रहा है। इससे पहले 2005 में ऐसा योग बना था। मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र पर ग्रहण रहेगा। इस कारण दक्षिण और पूर्व दिशा में मौजूद राज्यों में इसका असर दिखेगा। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है।

ऐसे में शरद पूर्णिमा पर पूजा अर्चना सहित अन्य कार्यक्रम दिन में ही संपन्न कर लिए जाएंगे। रात 1.05 से शुरू होकर 2.24 पर खत्म होगा, सूतक शाम 4.04 बजे से ग्रहण काल तक रहेगा इस कारण मंदिरों के कपाट आज शाम 4 बजे तक बंद हो जाएंगे और रात में शरद पूर्णिमा उत्सव भी नहीं मनाया जाएगा। ग्रहण खत्म होने के बाद रविवार को सुबह मंदिरों की शुद्धि होगी, फिर पट खुलेंगे।

1घंटा 19 मिनट का होगा ग्रहण काल:

इस बार का चंद्र ग्रहण करीब 1 घंटा 19 मिनट का होगा। 1.44 के आसपास चंद्रमा का 12.6 % हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढंका हुआ दिखेगा। भारत के साथ पूरे एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका में भी ये ग्रहण दिखाई देगा।

ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप:

ज्योतिषाचार्य आरके शास्त्री ने बताया कि चंद्र ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके साथ ही वैभव लक्ष्मी के मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः’ का जाप 108 बार करने से भी मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। वहीं चंद्र देव के मंत्र ‘ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नमः’ का जाप करने से चंद्र दोष का प्रभाव कम होता है।

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