फीचर डेस्क : चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन का महत्व अत्यधिक है, क्योंकि इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां चंद्रघंटा का रूप अत्यंत शांत और सौम्य है, जो अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करती हैं। इस दिन की पूजा से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, जीवन में खुशहाली आती है और समाज में सम्मान मिलता है। खासकर इस दिन की पूजा से सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ती है।
मां चंद्रघंटा का रूप और विशेषताएं
मां चंद्रघंटा का स्वरूप बेहद दिव्य और आकर्षक है। उनके मस्तक पर एक घंटे के आकार का चंद्रमा विराजमान है, जिससे उनका नाम ‘चंद्रघंटा’ पड़ा। यह चंद्रघंटा उनकी शक्ति और तेजस्विता का प्रतीक है। उनका रूप शांति और समृद्धि से परिपूर्ण है, जो अपने भक्तों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता और खुशहाली प्रदान करते हैं।
मां चंद्रघंटा का प्रिय रंग पीला और लाल है, और पूजा में इन रंगों के फूल और वस्त्र अर्पित करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। विशेष रूप से, इस दिन सूर्योदय से पहले पूजा करना उत्तम होता है, क्योंकि इस समय मां की कृपा विशेष रूप से प्राप्त होती है।
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि अपनाएं:
सुबह जल्दी उठें: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
मां को लाल और पीले वस्त्र अर्पित करें : पूजा में पीले और लाल रंग के वस्त्र मां को अर्पित करें।
कुमकुम और अक्षत अर्पित करें: मां के समक्ष कुमकुम और अक्षत (चावल) अर्पित करें।
पीले रंग के फूल अर्पित करें: मां चंद्रघंटा को पीले रंग के फूल विशेष प्रिय होते हैं।
भोग अर्पित करें : मां को विशेष रूप से केसर की खीर अर्पित करें, साथ ही दूध से बनी मिठाइयों का भोग भी अर्पित करें।
मंत्र जाप और आरती: पूजा के दौरान मां चंद्रघंटा के मंत्रों का जाप करें और अंत में दुर्गा सप्तशती और मां चंद्रघंटा की आरती का पाठ करें।
इन विधियों को विधिपूर्वक करने से मां चंद्रघंटा अपने भक्तों पर अपनी विशेष कृपा बरसाती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं।
मां चंद्रघंटा का प्रिय भोग
नवरात्रि के तीसरे दिन, मां चंद्रघंटा की पूजा में भोग का महत्व बहुत है। विशेष रूप से, खीर का भोग अर्पित करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। मां चंद्रघंटा को केसर से बनी खीर बेहद प्रिय है। इसके अलावा, लौंग, इलायची, पंचमेवा और दूध से बनी मिठाइयों को भी अर्पित किया जा सकता है।
मां को भोग के रूप में मिसरी और पेड़े भी अर्पित करना अच्छा रहता है। इन भोगों को अर्पित करने से मां चंद्रघंटा अपने भक्तों की समृद्धि और खुशहाली में वृद्धि करती हैं।
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