मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा जिले के भर्राही थाना क्षेत्र के धुरगांव पंचायत में शुक्रवार की रात एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। पंचायत के सरपंच घनश्याम शर्मा (52) की उनके ही बड़े भाई के पोते ने हत्या कर दी। सरपंच, पति-पत्नी के झगड़े को सुलझाने गए थे, लेकिन यह विवाद अचानक खूनी संघर्ष में बदल गया। आरोपी ने सरपंच के सिर पर धारदार दबिया से वार कर उनकी जान ले ली।
पति-पत्नी के झगड़े में हस्तक्षेप बना हत्या का कारण
घटना की शुरुआत तब हुई जब सरपंच घनश्याम शर्मा के बड़े भाई के पोते गुड्डू कुमार और उनकी पत्नी के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। यह मामूली विवाद धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि मारपीट तक पहुंच गया। इसी दौरान घनश्याम शर्मा ने झगड़ा शांत कराने के लिए बीच-बचाव करने की कोशिश की।
ग्रामीणों और परिवारवालों के अनुसार, सरपंच ने गुड्डू को समझाने का प्रयास किया। लेकिन गुस्से में आकर गुड्डू ने धारदार दबिया से उनके सिर पर वार कर दिया। हमले की गंभीरता इतनी ज्यादा थी कि घनश्याम शर्मा मौके पर ही अचेत हो गए।
अस्पताल पहुंचते ही हुई मौत
घायल सरपंच को आनन-फानन में सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद पूरे परिवार में मातम छा गया और गांव में सनसनी फैल गई।
घटना के बाद गांव में तनाव
घनश्याम शर्मा की हत्या की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। घटना के बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। थाना अध्यक्ष अमरनाथ चौहान ने बताया कि पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, और मामले की जांच जारी है।
पहली बार 2021 में बने थे सरपंच
घनश्याम शर्मा इससे पहले धुरगांव पंचायत के उप मुखिया थे और 2021 में पहली बार सरपंच चुने गए थे। उनके परिवार में दो बेटे हैं, जो ओडिशा में फर्नीचर का काम करते हैं। गांव में उनकी लोकप्रियता और निष्पक्षता के कारण लोग उन्हें बेहद पसंद करते थे।
पुलिस ने की कार्रवाई तेज
मृतक के भतीजे चंदन कुमार ने बताया कि आरोपी गुड्डू कुमार, मृतक सरपंच के बड़े भाई स्वर्गीय सोनेलाल शर्मा का पोता है। पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई तेज कर दी है और जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की बात कही है।
न्याय की मांग
घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। सरपंच के परिवार और ग्रामीणों ने गुड्डू कुमार के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने पंचायत और प्रशासन को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जाए।