प्रयागराज: महाकुंभ 2025 के आयोजन का अंतिम चरण चल रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं का तांता अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी और अब अंतिम दिनों में भी लाखों श्रद्धालु यहां आकर पवित्र संगम में डुबकी लगा रहे हैं। 22 फरवरी को सुबह 10 बजे तक 51.61 लाख से अधिक लोग पवित्र संगम में स्नान कर चुके हैं और इस संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
आखिरी सप्ताह में बढ़ी भीड़
महाकुंभ के आखिरी हफ्ते में श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। दिन-ब-दिन अधिक से अधिक लोग संगम में स्नान करने पहुंच रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में भारी भीड़ के कारण सुरक्षा इंतजामों और यातायात व्यवस्था को लेकर प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई है। अभी तक 59.31 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में डुबकी लगा चुके हैं और यह सिलसिला निरंतर जारी है। प्रशासन ने भीड़ को संभालने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था में कड़ी चाक-चौबंद
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि जनपद की ओर आने वाले सात प्रमुख मार्गों पर भीड़ की अधिकता को देखते हुए ट्रैफिक प्रबंधन की जिम्मेदारी सात वरिष्ठ पुलिस अफसरों को सौंपी गई है। ये अफसर अपने-अपने मार्गों पर यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करेंगे और उच्चाधिकारियों के साथ मिलकर श्रद्धालुओं के सुचारू आवागमन को सुनिश्चित करेंगे।
इसके अलावा, महाशिवरात्रि के दिन होने वाले अंतिम शाही स्नान को लेकर भी पुलिस प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। यह स्नान महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण स्नान माना जाता है, और प्रशासन ने इस दिन विशेष रूप से सुरक्षा इंतजामों को कड़ा कर दिया है। ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर अधिकारियों के साथ शुक्रवार को विस्तृत चर्चा की गई थी, ताकि अंतिम दिनों में भीड़ और यातायात की समस्याओं का समाधान किया जा सके।
यातायात व्यवस्था में बदलाव
महाकुंभ मेला क्षेत्र और प्रयागराज के प्रमुख मार्गों पर यातायात व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं। जिन रास्तों पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक दबाव है, वहां वाहन की गति धीमी कर दी गई है और पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है ताकि वाहन चालकों को परेशानी न हो। साथ ही, जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी अतिरिक्त अफसरों की तैनाती की गई है ताकि श्रद्धालुओं का आवागमन निर्बाध रूप से हो सके।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण व्यवस्थाएं और भी चुनौतीपूर्ण
महाकुंभ का यह अंतिम चरण होने के कारण इस समय श्रद्धालुओं की संख्या सबसे अधिक है। प्रशासन और सुरक्षा बलों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद, प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर जो ठोस कदम उठाए हैं, उनसे यह सुनिश्चित किया गया है कि हर श्रद्धालु सुरक्षित रूप से अपना धार्मिक कर्तव्य निभा सके।
Read Also- Road Accident : महाकुंभ जा रहे पति-पत्नी समेत 6 की मौत, घटनास्थल का मंजर देख कांपे लोग