मुंबई : महाराष्ट्र में राजनीतिक घमासान जारी है। राकांपा में फूट के बाद आज मुंबई में दोनों धरों की बैठक हुई। इसमें अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से उनकी 24 साल पुरानी पार्टी यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) को छीन ली है ।
पार्टी पर दावे को लेकर बुधवार को अजित पवार की बैठक में 40 विधायक मौजूद थे। वहीं वाईबी चव्हाण सेंटर में शरद पवार खेमे में 12 विधायकों के पहुंचने की जानकारी मिली है।
मंच पर मौजूद छगन भुजबल ने दावा किया कि उनके पास मीटिंग में शामिल नहीं होने वाले कई विधायकों की ओर से नहीं पहुंचने का शपथ पत्र मिला है। इसमें अजित पवार गुट को समर्थन देने की बात कही गयी है।
उन्होंने विधायकों को भरोसा दिया कि उन्हें किसी नियम के आधार पर अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता है क्योंकि अजित पवार ने फैसले से पहले कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली थी। अपने भाषण में 45 साल पुरानी घटना का जिक्र करते हुए छगन भुजबल ने शरद पवार को याद दिलाया कि आप वसंत दादा पाटिल को छोड़कर आये थे तो उन्हें भी बुरा लगा होगा।
सबसे ज्यादा अपमान अजित पवार का हुआ
एनसीपी नेता और मंत्री पद की शपथ लेने वाले धनंजय मुंडे ने कहा कि अजित पवार ने मुंबई के बांद्रा इलाके के एमईटी ग्राउंड में बैठक बुलाई है। इस दौरान मंच से बोलते हुए धनंजय मुंडे ने कहा कि अजित पवार का अब तक का सबसे ज्यादा अपमान हुआ है।
अजित दादा की अब तक काफी आलोचना हो चुकी है। लेकिन उन्होंने यह अपमान सहा है। उन्होंने अपनी परछाई को भी उस अपमान का एहसास नहीं होने दिया।
धनंजय मुंडे ने ये भी कहा कि उन्होंने शरद पवार साहेब के लिए सब कुछ सहा। मुंबई में हो रही अजित पवार गुट की बैठक में उनके दोनों बेटे पार्थ पवार और जय पवार भी मौजूद हैं।
शरद पवार पर तंज कसते हुए अजित पवार ने कहा कि सरकारी नौकरी हो या पॉलिटिक्स रिटायरमेंट की एक उम्र होती है। आपको भी मार्गदर्शन करना चाहिए और आशीर्वाद देना चाहिए।
अजित पवार ने कहा कि हमारे वरिष्ठ ने कहा कि साल 2024 में नरेंद्र मोदी ही सत्ता में आयेंगे। जब देश मे मोदी के सिवाय कोई विकल्प नहीं है तो उन्हें समर्थन देने में क्या दिक्कत है।