वाराणसी : महाशिवरात्रि के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। हाल ही में महाकुंभ के बाद, प्रतिदिन लगभग सात लाख या उससे अधिक श्रद्धालु काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आ रहे हैं। इस बार 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं की संख्या 14 से 15 लाख तक पहुंच सकती है। ऐसे में प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए पूरी तैयारी शुरू कर दी है।
दर्शन के लिए पर्याप्त समय लेकर आएं
मंदिर प्रशासन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, विश्व भूषण मिश्र ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने दर्शन के लिए पर्याप्त समय लेकर आएं क्योंकि कतार में काफी समय लग सकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि श्रद्धालु अपनी सुविधा के अनुसार सामान की सुरक्षा का ध्यान रखें। पेन, कंघा, मोबाइल, बेल्ट, चाबियां और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान घर पर छोड़कर मंदिर आएं। यह असुविधाओं से बचने के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसके अलावा, बुजुर्ग श्रद्धालुओं को भीड़ से बचने की सलाह दी गई है। वे घर पर ही बाबा का लाइव दर्शन करके पूजा कर सकते हैं, जिससे उन्हें अधिक सुविधा होगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए की गई हैं कई खास व्यवस्था
इसके अलावा मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की मदद के लिए कई खास व्यवस्थाएं की हैं। 51 संस्कृत विद्यालयों के 3059 छात्रों को पाठ्य पुस्तकें और 23 विद्यालयों के 4041 छात्रों को कपड़े जैसे कुर्ता, धोती और उत्तरीय सेट वितरित किए जाएंगे। इसके साथ ही 30 संस्कृत विद्यालयों के लिए वाद्य यंत्रों की भी व्यवस्था की गई है। भोजन प्रसाद वितरण की भी योजना बनाई गई है। 14 संस्कृत विद्यालयों के 750 छात्र-छात्राओं, पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय और होमी जहांगीर भाभा कैंसर अस्पताल के 600 मरीजों और बीएचयू के 1000-1200 स्वजनों के लिए भोजन प्रसाद पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।
महाकुंभ की वजह से जुट रही है अत्यधिक भीड़
महाकुंभ के दौरान लगातार बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या ने प्रशासन को और सतर्क कर दिया है। हालात यह हैं कि शनिवार को सप्ताहांत के चलते लगभग सवा छह लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। काशी आने वाली हर सड़क पर जाम की स्थिति बनी रही। विभिन्न राज्यों और जिलों से आने वाले वाहन शहर में बने पार्किंग स्थलों पर रोके गए थे, जहां से श्रद्धालु पैदल, टेंपो या ई-रिक्शा के माध्यम से मंदिर तक पहुंचे। शहर के अंदर हर गली, सड़क और घाटों पर भीड़ ही भीड़ नजर आ रही थी।