छपरा। बिहार के छपरा जिले में हजारों यात्रियों की जान जोखिम में पड़ने से उस समय बच गई जब एक बड़ी ट्रेन दुर्घटना टल गई। यह घटना छपरा-बलिया रेलखंड के गौतमस्थान छपरा जंक्शन और सेंगर टोला गांव के बीच हुई। एक जगह रेल पटरी टूटी हुई थी। अगर यहां से कोई ट्रेन गुजरती तो बड़ी दुर्घटना होने से रोकना मुश्किल था। गनीमत यह रही कि इस खतरनाक स्थिति को समय रहते सुधार कर लिया गया। ट्रेन को रोक दिया गया जिससे एक बड़ी आपदा टल गई।
नियमित निरीक्षण के दौरान ट्रैकमैन को दिखी टूटी पटरी
यह घटना उस समय सामने आई जब एक ट्रैकमैन अपनी नियमित निरीक्षण प्रक्रिया के दौरान पटरी का जायजा ले रहा था। निरीक्षण के दौरान उसकी नजर टूटी हुई पटरी पर पड़ी। यह पटरी करीब चार इंच टूटी हुई थी जो गंभीर खतरे की घंटी थी। यदि ट्रेन उस पटरी पर गुजरती तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। कोलकाता से गाजीपुर सिटी जाने वाली साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन इस ट्रैक पर गुजरने वाली भी थी।
ट्रैकमैन ने दिखाई तत्परता
टूटी पटरी को देख ट्रैकमैन के होश उड़ गए। उसने समझदारी दिखाई। ट्रैकमैन ने तुरंत इस खतरे के बारे में स्टेशन मास्टर को सूचित किया और घटनास्थल पर स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए तत्परता दिखाई। इसी दौरान, ट्रैकमैन ने ट्रेन को रुकने का संकेत देने के लिए लाल झंडी दिखाई।
ट्रेन चालक ने लगाई इमरजेंसी ब्रेक
ट्रैकमैन की सूझबूझ और समय रहते की गई कार्रवाई से एक बड़ा हादसा टल गया। ट्रेन के लोको पायलट दीपक कुमार और सहायक लोको पायलट शुभांशु राज ने भी इस खतरे को महसूस करते हुए तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाए और ट्रेन को टूटी हुई पटरी से लगभग 100 मीटर पहले ही रोक लिया। अगर ट्रेन इस टूटे हुए ट्रैक पर गुजर जाती तो हादसा हो सकता था, लेकिन लोको पायलट और ट्रैकमैन की जागरूकता ने उसे बचा लिया।
मौके पर पहुंचे ट्रैक मेंटेनेंस टीम, पटरी की हुई मरम्मत
इस घटना की सूचना मिलने बाद में ट्रैक मेंटेनेंस टीम को जानकारी दी गई। ट्रैक मेंटेनेंस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और पटरी की मरम्मत शुरू की। मरम्मत के बाद ट्रेन को फिर से आगे के सफर के लिए रवाना किया गया। यह पूरा घटनाक्रम दर्शाता है कि रेल विभाग में सतर्कता और तत्परता से काम करने के कारण एक बड़े हादसे को टाला जा सकता है।
रेलवे की मामले की पुष्टि
पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस घटना की पुष्टि की और रेलकर्मियों की तत्परता की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह घटना एक उदाहरण है कि यदि रेलवे कर्मी समय पर सतर्क और तैयार हों, तो ऐसी बड़ी घटनाओं को टाला जा सकता है। हमें रेलकर्मियों की कड़ी मेहनत और सजगता पर गर्व है, जिन्होंने यात्रियों की जान बचाई।
ट्रेनों से होने वाली दुर्घटनाओं के कारण
रेलवे विभाग समय-समय पर ट्रैक की सुरक्षा और मरम्मत के काम करता है, लेकिन कभी-कभी मानवीय चूक, मौसम के प्रभाव या अन्य कारणों से हादसों का खतरा बढ़ सकता है। इस घटना ने यह भी दिखा दिया कि रेलवे कर्मचारियों की सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया किसी भी संकट को टालने में अहम भूमिका निभा सकती है। आज के इस दौर में जब रेल यात्रा लाखों लोगों की रोजमर्रा की जरूरत बन चुकी है, यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। इसलिए रेलवे विभाग और कर्मचारियों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है, खासकर ट्रैक मेंटेनेंस और दुर्घटनाओं की रोकथाम के मामले में।
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