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14 जनवरी या 15 जनवरी किस दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति? यहां पढ़ लीजिए …

by Rakesh Pandey
Makar Sankranti
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स्पेशल डेस्क। Makar Sankranti 2024 Date: जब सूर्य उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करता है, तो यह संकेत होता है कि Makar Sankranti का त्योहार आ गया है। यह त्योहार हमारे देशभर में खुशी, सामूहिकता, और परंपरा की भावना के साथ मनाया जाता है। Makar Sankranti, जिसे खिचड़ी फेस्टिवल भी कहा जाता है, एक साल की शुरुआत को अद्वितीय ढंग से चिह्नित करता है और हमें गर्मी की ओर बढ़ने का संकेत देता है।

इस पावन मौके पर स्नान, दान-पुण्य और सूर्य की पूजा का विशेष महत्व होता हैं। वैसे हर साल इस पर्व की डेट को लेकर लोगों के बीच कन्‍फ्यूजन की स्थिति बनी रहती है। इस साल भी वही कंफ्यूजन है की यह पर्व 14 जनवरी या 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस साल भी लोग Makar Sankranti की सही डेट को लेकर लोग संशय में हैं। चलिए जानते हैं किस दिन है Makar Sankranti

Makar Sankranti: मकर संक्रांति 2024 की तिथि

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस बार मकर संक्रांति का आगमन 14 जनवरी की रात 02:44 मिनट पर होगा, और इसलिए यह उदयातिथि के अनुसार 15 जनवरी, सोमवार को मनाया जाएगा।

Makar Sankranti: मकर संक्रांति का महत्व

 

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मकर संक्रांति (Makar Sankranti) हमारे हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो सूर्य के उत्तरायण की शुरुआत को सूचित करता है और इसे भारतीय पौराणिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे जिस दिन मनाया जाता है, उस दिन सूर्य अपने मकर राशि में प्रवेश करता है और दिन बड़ा होने लगता है। सूर्य का प्रभाव बढ़ने लगता है जिससे मौसम में बदलाव होने लगता हैं।

Makar Sankranti का महत्व इसे हिन्दू कैलेंडर में एक नए वर्ष की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। यह पर्व गन्ना, तिल, गुड़, और खिचड़ी का खास समय है जिसको खाने से सर्दी में शरीर को ऊर्जा प्रदान होती है। इसके साथ ही मकर संक्रांति पर्व भारतीय संस्कृति और परंपरा को सूर्य, अन्न, और अन्य प्राकृतिक धरोहरों की महत्वपूर्णता का संदेश देता है।

इस दिन के अद्वितीय महत्व के बावजूद, मकर संक्रांति का अभिन्न हिन्दू समुदायों में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है, जो स्थानीय रीति-रिवाजों के आधार पर होता है।

Makar Sankranti: पुण्यकाल और अद्भुत संस्कृति

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करने पर शुरू होता है पुण्यकाल, जिसके साथ ही खरमास समाप्त होता है। इस समय में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि कार्य होते हैं। Makar Sankranti दान-पुण्य का भी समय है, और इस दिन तिल, गुड़, घी, अन्न, गरम वस्त्र आदि का दान करना शुभ माना जाता है।

Makar Sankranti : कैसे मनाएं मकर संक्रांति

सुबह उदय होते ही स्नान करना और सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
– सूर्य उगते ही जल लेकर उसमें तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत डालें और फिर उसे सूर्य की दिशा में ले जाएं।

– मंत्रों के साथ अर्घ्य देते हुए, भक्ति और श्रद्धा से सूर्य देव को नमन करें।

– मकर संक्रांति पर दान करना भी बहुत महत्वपूर्ण है, और इसे शुभ माना जाता है। इस दिन अन्न जैसे चावल, उरद दाल, वस्त्र और तिल, गुड़ आदि आवश्यक वस्तुओं का दान करना चाहिए।

Makar Sankranti: खिचड़ी बनाना व खाना अनिवार्य

इस खास मौके पर खिचड़ी बनाना और सभी के साथ मिलकर खाना बहुत अच्छा माना जाता है। यह खिचड़ी साझा करने का अद्वितीय तरीका है जिससे एकजुटता और अच्छे वातावरण का संवेदनशीलता का संकेत होता है। समृद्धि और सशक्त समाज की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में, लोग इस अवसर पर खिचड़ी बनाकर आसपास के गरीबों और जरूरतमंदों के साथ साझा करने का अभूतपूर्व मौका प्राप्त करते हैं।

Makar Sankranti: पतंग उड़ाने की परंपरा

Kite Festival: इस त्योहार के दिन, गुजरात, राजस्थान आदि में लोग पतंग उड़ाते हैं, जिसे कई जगहों पर काइट फेस्टिवल भी कहा जाता है। इससे न केवल रंग-बिरंगी पतंगें आकाश में उड़ती हैं, बल्कि यह एक बड़े सामुदायिक उत्सव का भी हिस्सा है, जहां लोग आपस में मिलकर पतंगों को उड़ाते हैं और इस दिन को खास तौर पर युवाओं के बीच बड़े उत्साह से मनाते हैं।

इस रूप में, मकर संक्रांति एक सामूहिक और सांस्कृतिक आत्मा का सफल प्रतीक है, जो समृद्धि, सहयोग, और समरसता की भावना से भरा होता है। इस मौके पर सभी को खुशियां और समृद्धि की कामना की जाती है!

 

 

 

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