नई दिल्ली: 24 जनवरी को एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त किया गया था। यह फैसला कई साधु-संतों के लिए चौंकाने वाला था और इसके बाद किन्नर अखाड़े में आंतरिक विवाद छिड़ गया। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी द्वारा किए गए इस फैसले का विरोध करते हुए किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया। हालांकि, उनके इस आदेश को अखाड़े के कुछ लोग मानने को तैयार नहीं दिखे और इसने अखाड़े में दो गुटों के बीच तनातनी बढ़ा दी।
ऋषि अजय दास का दावा
अजय दास का कहना है कि ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में एंट्री दिलाने वाली लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से मुक्त कर दिया गया है। उनके मुताबिक, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किन्नर समाज के उत्थान और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार से भटक कर ममता को महामंडलेश्वर बना दिया, जो कि एक गलत निर्णय था। अजय दास ने आरोप लगाया कि लक्ष्मी ने अपनी धार्मिक जिम्मेदारी से ज्यादा ग्लैमर वर्ल्ड से जुड़ी ममता को अहमियत दी, जो देशद्रोह के मामलों में भी घिरी रही थीं।
ममता का संबंध ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी से रहा था
अजय दास ने यह भी कहा कि ममता की नियुक्ति से पहले इस पर विचार नहीं किया गया था कि वह एक ऐसी शख्सियत हैं, जिनका संबंध ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी से रहा था। विक्की गोस्वामी को दुबई में ड्रग्स तस्करी के मामले में 12 साल की सजा मिली थी और ममता के खिलाफ भी एक मामले में गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ था। इन विवादों के बावजूद, उन्हें महामंडलेश्वर के पद पर नियुक्त किया गया था, जो अजय दास के अनुसार, किन्नर समाज और अखाड़े की परंपराओं के खिलाफ था।
ममता और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का समर्थन
वहीं, किन्नर अखाड़े के एक अन्य गुट ने ममता और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का समर्थन किया है। किन्नर अखाड़े की सदस्य मां पवित्रा नन्द गिरी ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “हम किसी को भाव नहीं देना चाहते। हमारे अखाड़े का यह सिद्धांत है कि यह किसी एक व्यक्ति का नहीं है। जो जैसा है वैसा रहेगा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि अजय दास के दावों की कोई अहमियत नहीं है और उन्होंने कहा कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को कोई नहीं हटा सकता।
जो अफवाहें उड़ाई जा रही हैं, हम उन्हें खारिज करते हैं”- मां पवित्रा
मां पवित्रा ने यह भी कहा कि इस विवाद से किन्नर समाज की इज्जत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने ममता कुलकर्णी का स्वागत करते हुए कहा, “जो अफवाहें उड़ाई जा रही हैं, हम उन्हें खारिज करते हैं।”
ममता कुलकर्णी का विवादित जीवन
ममता कुलकर्णी का जीवन हमेशा ही विवादों में रहा है। अभिनय से लेकर व्यक्तिगत जीवन तक, ममता ने हमेशा सुर्खियां बटोरीं। आरोप है कि उनका ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी से कनेक्शन था और दोनों ने शादी भी की थी। विक्की गोस्वामी को दुबई में ड्रग्स तस्करी के मामले में 12 साल की सजा मिली थी और ममता के खिलाफ भी एक मामले में गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ था। हालांकि, ममता इन आरोपों को नकारते हुए कहती हैं कि यह सब अफवाहें हैं।
महामंडलेश्वर बनने के लिए एक व्यक्ति को कई कठिन तपस्याओं और दीक्षा से गुजरना पड़ता है और उसे संन्यासी जीवन को अपनाना होता है। ऐसे में ममता का महामंडलेश्वर पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया खुद सवालों के घेरे में है, क्योंकि उनका जीवन कई कानूनी और सामाजिक विवादों से भरा हुआ है।
ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर पद से हटाया जाना और उसके बाद के विवाद ने किन्नर अखाड़े में दरार पैदा कर दी है। इस समय किन्नर समाज के भीतर दो गुट बन गए हैं, जिनमें से एक गुट ममता और लक्ष्मी का समर्थन कर रहा है, जबकि दूसरा गुट इस नियुक्ति के खिलाफ है। अब देखना यह होगा कि इस विवाद का अंत कैसे होता है और किन्नर अखाड़े में किस गुट की जीत होती है।