Jamshedpur (Jharkhand) : सिख समुदाय के लिए आध्यात्मिक और शैक्षणिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण 55वां गुरमत सिख्या कैंप आगामी 28 सितंबर से 4 अक्टूबर तक जमशेदपुर के गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, मानगो में आयोजित किया जाएगा। यह सात दिवसीय शिविर सिख फोरम एंड सिख वेलफेयर एसोसिएशन, कोलकाता और श्री गुरु सिंह सभा, मानगो के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न होगा, जिसमें देश के जाने-माने सिख विद्वान गुरमत ज्ञान का प्रसार करेंगे। आयोजकों ने अधिक से अधिक संख्या में युवाओं को इस शिविर में शामिल होने की अपील की है।
देशभर से जुटेंगे सिख विद्वान और शिक्षाविद
इस महत्वपूर्ण आयोजन में देश के विभिन्न हिस्सों से आए सिख विद्वान और शिक्षाविद अपनी विद्वता से प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन करेंगे। इनमें अमृतसर की मंजीत कौर, शहीद मिशनरी कॉलेज की प्रधानाचार्य, डॉ. राजवंत सिंह, प्रमुख (एको सिख), भाई मनधीर सिंह (पंथक सेवा जत्था, दोआबा), डॉ. गुरप्रीत सिंह (रिसर्च स्कॉलर, सिख इतिहास, एसजीपीसी), कैप्टन यशपाल सिंह (सिख विद्वान), सरदार गौरवदीप सिंह (मोटिवेशनल स्पीकर), बीबी बलजीत कौर (सहायक प्रोफेसर-श्री गुरु ग्रन्थ साहिब वर्ल्ड यूनिवर्सिटी), सरदार इंदरपाल सिंह (मोटिवेशनल स्पीकर), बीबी सुखमणि कौर (सहायक प्रोफेसर- भाई मणि सिंह जी खालसा कॉलेज) और भाई गुलाब सिंह (कोच-दस्तार सिखलाई) शामिल हैं।
गुरु इतिहास से पगड़ी प्रशिक्षण तक, विषयों की विस्तृत श्रृंखला
शिविर के बारे में विस्तार से बताते हुए मानगो गुरुद्वारा के महासचिव जसवंत सिंह जस्सू ने कहा कि इस शिविर में पूर्वी भारत के अलग-अलग स्थानों से लगभग 250 बच्चों के शामिल होने की संभावना है। शिविर में कई विषयों पर कक्षाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें गुरु इतिहास, सिख इतिहास, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी द्वारा अनुमोदित पंथ सिख रहत मर्यादा, गुरमुखी, गुरबाणी और पगड़ी (दस्तार) प्रशिक्षण शामिल हैं। सीजीपीसी (केंद्रीय गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) के प्रधान भगवान सिंह ने जमशेदपुर के बच्चों से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में शिविर में भाग लेकर गुरमत ज्ञान अवश्य अर्जित करें और अपने जीवन को सफल बनाएं। उन्होंने कहा, “यह सिखों के लिए एक सुनहरा अवसर है कि वे गुरमत ज्ञान के इस महासागर से शिक्षा के रूप में यदि एक बूंद भी ग्रहण कर लेते हैं तो उनका जीवन सफल हो जाएगा।”
शिविर का समापन समारोह और पुरस्कार वितरण समारोह भी भव्य होगा, जिसमें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के पदाधिकारियों, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार और पूर्वी भारत की प्रमुख हस्तियों के भी शामिल होने की उम्मीद है। यह आयोजन न केवल सिख धर्म के प्रचार-प्रसार का माध्यम बनेगा, बल्कि नवयुवकों के व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायक सिद्ध होगा, जिससे वे अपने धर्म और इतिहास से गहराई से जुड़ पाएंगे।
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