जमशेदपुर: मानगो पुलिस ने मुंशी मोहल्ला के गुरुद्वारा रोड पर 19 जनवरी को हुए संतोष सिंह हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में घटना के मास्टरमाइंड रोहित दीक्षित समेत पांच हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी एसएसपी किशोर कौशल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है।यह हत्यारोपी हुए गिरफ्तार एसएसपी ने बताया कि मामले में मास्टरमाइंड रोहित दीक्षित गिरफ्तार हुआ है। वह मानगो के गुरुद्वारा रोड पर मजार के पास का रहने वाला है। इसके अलावा, ओलीडीह थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर शिव मंदिर लाइन का रहने वाला शुभम कुमार, सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के छाया नगर का रहने वाला विमल गोप, मानगो के गुरुद्वारा रोड शनि मंदिर के पास का रहने वाला विवेक कुमार तिवारी, मानगो के गुरुद्वारा रोड बड़ा गेट के पास का रहने वाला अंकित शर्मा गिरफ्तार हुआ है। इनमें से अंकित शर्मा का आपराधिक इतिहास है।
पिता की हत्या का बदला लेने को की संतोष की हत्या
इनके पास से पुलिस ने एक देसी कट्टा, एक पिस्टल, एक 315 बोर का कारतूस और हत्या में प्रयुक्त स्कूटी बरामद की है। एसएसपी ने बताया कि रोहित दीक्षित के पिता पशुपति नाथ उर्फ डब्बू दीक्षित की साल 2014 में हत्या कर दी गई थी। रोहित दीक्षित ने अपने पिता का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया है । घटना को अंजाम देने में रौनक ने की थी रोहित की वित्तीय मदद इस मामले में रौनक सिंह ने रोहित दीक्षित को आर्थिक मदद की और रेकी करने में भी मदद की।
साल 2009 में हुई थी रौनक सिंह के पिता की हत्या
रौनक सिंह के पिता की भी हत्या साल 2009 में हुई थी। पुलिस ने रौनक सिंह और निखिल सिंह को सोमवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। रौनक की संतोष से क्या दुश्मनी थी अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है। एसएसपी ने बताया कि रौनक सिंह के पिता की हत्या में संतोष का नाम नहीं आया था। इसलिए यह जांच का विषय है कि रौनक सिंह ने संतोष सिंह की हत्या में क्यों दिलचस्पी ली। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में अब तक सात लोग गिरफ्तार किया जा चुके हैं और कुछ और लोग भी इस मामले में लिप्त हैं। जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि जल्द ही इन फरार आरोपियों का पता लगा कर उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
घटनास्थल पर राेहित, शुभम व विवेक थे मौजूद
संतोष सिंह जब मुंशी मोहल्ले में अपनी भतीजी का कार्ड बांट रहे थे तो वहां सफेद स्कूटी पर सवार रोहित, विवेक और शुभम पहुंचे थे। रोहित ने संतोष को ललकारा था कि उसने पिता की हत्या की है। आज नहीं छोड़ेंगे। इतना सुनते ही संतोष सिंह अपनी स्कूटी सड़क पर छोड़ कर भाग खड़े हुए थे। रोहित, शुभम और विवेक ने संतोष का पीछा किया और एक घर में घुस कर तीनों ने संतोष पर गोलियां दागी थीं। रौनक सिंह और निखिल घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे मगर उन्होंने इस हत्याकांड की पटकथा लिखी थी। इस घटना को अंजाम देने के लिए रौनक ने रोहित की हर तरह से मदद की थी। पिस्टल रोहित ही लाया था। पुलिस इस बात की जांच में जुट गई है कि आखिर उसे पिस्टल कहां से मिला था।