सेंट्रल डेस्क, नई दिल्ली : पिछले तीन महीने से मणिपुर (Manipur Violence) में चल रही जातीय हिंसा की आग अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां रूक-रूक कर संघर्ष जारी है। पूर्ण रूप से मणिपुर (Manipur Violence) में शांति बहाल नहीं हो पा रही है। इसे लेकर मणिपुर के 40 विधायकों ने PM मोदी को एक ज्ञापन सौंपा है। विधायकों ने ज्ञापन का माध्यम से PM मोदी से राज्य में सुरक्षा और शांति बहाल करने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है।
विधायकों ने रखीं कई मांगें
ज्ञापन के जरिये PM मोदी से पूर्ण निरस्त्रीकरण की मांग की है। इसके अलावे कड़ी सुरक्षा के लिए केंद्रीय पुलिस बल की तैनाती की मांग की है। ज्ञापन में बताया है कि वर्तमान में सुरक्षाकर्मी मणिपुर (Manipur Violence) में शांति बहाल करने में विफल साबित हो रहे हैं। शांति बहाल करने के लिए राज्य में पर्याप्त मात्रा में सुरक्षाकर्मियों की जरूरत है।
सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में भी घट रही घटनाएं
विधायकों ने PM को बताया कि वर्तमान में तैनात सुरक्षाकर्मी के मौजूदगी में कई घटनाएं लगातार घट रही है। राज्य के किसान अपने खेतों में काम नहीं कर रहे हैं। उनपर उग्रवादी गोली चला रहे हैं। ऐसे में भरोसेमंद सुरक्षाकर्मी को जल्द तैनात की अनुमति दी जाए, ताकि राज्य में शांति बहाल हो सके। साथ ही उग्रवादियों, विद्रोही समूह और अवैध सशस्त्र विदेशी शक्तियों से हथियार छीनने की जरूरत है। आम लोगों की सुरक्षा व पूर्ण रूप से शांति कायम करने के लिए सक्षम सुरक्षा कर्मी की तैनाती की जरूरत है।
मणिपुर में NRC लागू करने की भी हुई मांग
PM मोदी को ज्ञापन सौंपने वाले सभी 40 विधायक मणिपुर के मैतई समुदाय से हैं। सभी ने मिलकर PM को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें मुख्य रूप से मणिपुर में शांति बहाल के लिए NRC लागू करने की मांग भी शामिल है। इसके अलावे कुकी उग्रवादी समूहों के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन समझौता वापस करने की मांग की गई है। NRC के अलावे राज्य में स्वायत्त जिला परिषद (ADC) को मजबूत करने की मांग की गई है। इन विधायकों ने कुकी समुदाय के अलग प्रशासन की मांग का भी विरोध किया है। इसे लेकर कुकी समुदाय के 10 विधायकों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अलग प्रशासन की मांग की थी।
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बाहरी घुसपैठ भी मणिपुर के लिए चिंता का विषय
ज्ञापन में बताया गया कि राज्य में बाहरी घुसपैठ भारी संख्या में हुई है। इसके आलावे अत्याधुनिक हथियार, बम, बारूद सभी बाहर से राज्य में आ रहे है। इससे राज्य में शांति भंग हो रही है। ऐसे चीजों पर रोक लगाए बिना राज्य में शांति नहीं हो सकती है। पिछले 100 दिनों से राज्य में विद्रोहियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच लगातार संघर्ष चल रहा है। ज्ञापन में बताया गया है कि बाहर से आये लोगों को बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। लेकिन इसे व्यापक स्तर पर शुरू नहीं हुआ है। सरकार को चाहिए इसे व्यापक स्तर पर शुरू करे।