सेंट्रल डेस्क : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इस बार अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी। हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित अन्य कई प्रमुख नेता इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस फैसले ने अमेरिकी राजनीति और मीडिया में एक नई चर्चा को जन्म दिया है, खासकर तब, जब मिशेल ओबामा के ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में न जाने का कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।
ओबामा कार्यालय का आधिकारिक बयान
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा के कार्यालय ने इस मामले में एक आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि बराक ओबामा शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे, लेकिन मिशेल ओबामा इस अवसर पर उपस्थित नहीं रहेंगी। इस बयान में यह भी कहा गया कि मिशेल ओबामा ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में न जाने का कोई खास कारण नहीं बताया है, जिससे इस फैसले को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि मिशेल ओबामा इस समारोह में शामिल नहीं होंगी, जबकि इससे पहले वह 2021 में वाशिंगटन में पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के राजकीय शोक समारोह में भी शामिल नहीं हुई थीं। इस शोक समारोह में न उपस्थित होने को लेकर भी मीडिया में कई सवाल उठे थे, लेकिन उस समय कोई विशेष स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था। अब जबकि डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के संदर्भ में मिशेल ओबामा के गैरहाजिरी के बारे में बात हो रही है, इसका राजनीतिक पहलू भी सामने आ सकता है।
पूर्व राष्ट्रपति और अन्य नेताओं का समारोह में शामिल होना
इसके विपरीत, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित अन्य प्रमुख नेता इस शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे। इस समारोह में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भी शामिल होंगे। जॉर्ज डब्ल्यू बुश और उनकी पत्नी लाॅरा बुश भी समारोह का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। तीनों पूर्व राष्ट्रपति और उनके परिवार 2017 में डोनाल्ड ट्रंप के पहले शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल हुए थे। उस समय हिलेरी क्लिंटन भी समारोह में मौजूद थीं, हालांकि उन्हें 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप से हार का सामना करना पड़ा था।
क्या मिशेल ओबामा का यह निर्णय राजनीतिक कारणों से लिया गया
मिशेल ओबामा का शपथ ग्रहण समारोह में न जाना अमेरिकी राजनीति में कई कयासों का कारण बन गया है। हालांकि, इसका कोई स्पष्ट राजनीतिक कारण नहीं बताया गया है, फिर भी यह कयास लगाया जा रहा है कि यह निर्णय पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और ट्रंप के बीच के संबंधों को लेकर हो सकता है।
पिछली बार जब डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ली थी, तब कई पूर्व राष्ट्रपति और प्रमुख राजनीतिक हस्तियां समारोह में मौजूद थीं, लेकिन उस समय भी मिशेल ओबामा का रवैया पूरी तरह से अलग था। अब देखने वाली बात यह होगी कि मिशेल ओबामा के इस निर्णय का अमेरिका की राजनीति पर क्या असर पड़ता है और यह निर्णय भविष्य में किसी बड़े राजनीतिक संकेत को दर्शाता है या नहीं।
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