– गरीबों के मददगार सूरत के नितिन जॉनी के लिए दुआ मांगने के लिए शुरू की धार्मिक यात्रा
– अब तक द्वारिका और बद्रीनाथ की कर चुके यात्रा, जगन्नाथपुरी व रामेश्वर का सफर बाकी
-नेक कार्य के लिए शुरू की गई यात्रा के तहत जगन्नाथपुर पहुंचने पर लोगों ने किया स्वागत
जगन्नाथपुर (पश्चिमी सिंहभूम) : Char Dham Yatra By Cycle: गुजरात की रहने वाली 8 साल की कांगड़ कृष्णा अशोक भाई अपने पिता अशोक जीना भाई के साथ गुजरात से साइकिल पर चारधाम की यात्रा पर निकली हैं। अब तक वो साइकिल पर दो धाम द्वारिका और बद्रीनाथ की यात्रा कर चुके हैं। अब जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम की यात्रा पर निकले हैं। इस अनोखी यात्रा के क्रम में पिता-पुत्री गुरुवार की देर शाम अपनी रेंजर साइकिल से पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर स्थित राम-महावीर मंदिर पहुंचे।
यहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया। श्रीराम सहित अन्य देवी-देवताओं के दर्शन भी किए। जानकारी मिलने पर कई स्थानीय लोग मिलने पहुंचे और एक नेक कार्य के लिए उनकी इस धार्मिक यात्रा की प्रशंसा की। यहां अशोक जिना भाई ने बताया कि गुजरात में गरीबों की मदद करने वाले नितिन जॉनी के लिए कुछ करने के लिए मैं अपनी बेटी के साथ 20 अप्रैल को सूरत से चार धामों में उनके लिए प्रार्थना के लिए यात्रा पर निकला हूं।
चारधाम की इस यात्रा के लिए मुझे मेरी बेटी कांगड़ कृष्णा अशोक भाई ने प्रेरित किया। कहा कि पहले बेटी ने मुझे नितिन के बारे में बताया, जिसके बाद हमने नितिन के लिए कुछ करने की ठानी और चारधाम यात्रा पर निकल पड़े। आठ साल की कांगड़ कृष्णा अशोक भाई ने कहा कि मैं गुजरात के प्रसिद्ध समाजसेवी नितिन जॉनी के लिए चारधाम यात्रा पर अपने पिता के साथ साइकिल पर निकली हूं।
नितिन दादा बेसहारों और बेघरों की मदद करते हैं। मैं भी नितिन जॉनी के लिए कुछ करना चाहती थी, लेकिन सबकी सेवा करने वाले को मैं क्या दे सकती थी। इसलिए नितिन जॉनी के लिए चारधामों पर जाकर प्रार्थना करने की सोची। कहा कि नितिन गरीबों की मदद करते हैं, जिससे प्रभावित होकर मैं भविष्य में सक्षम होकर समाजसेवा करना चाहती हूं।
प्रतिदिन लगभग 90 किमी. की यात्रा हम लोग साइकिल से करते हैं। जहां सुरक्षित व सम्मानित स्थल मिले ठहर जाते हैं। अब तक लगभग 65 जिलों की यात्रा के दौरान दो धाम द्वारिका और बद्रीनाथ के दर्शन कर चुके हैं। इसके साथ ही नेपाल पहुंचने पर पशुपतिनाथ के दर्शन भी किए और जनकपुरी भी गए। 40 वर्ष के कांगड़ अशोक सूरत में एक कपड़े की फैक्ट्री में मैनेजर हैं।