गोरखपुर : रामगढ़ताल स्थित वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला को अब अत्याधुनिक 3D और 8K प्रोजेक्शन तकनीक से लैस किया जाएगा। जून 2024 से इसका आधुनिकीकरण कार्य शुरू होगा, जिसका लक्ष्य नवंबर 2026 तक पूरा करना है। इस प्रोजेक्ट से दर्शकों को अंतरिक्ष और ब्रह्मांड की गहराइयों को अब और अधिक रीयल और इंटरेक्टिव अनुभव के साथ देखने का मौका मिलेगा।
आधुनिकीकरण के लिए 46.87 करोड़ का प्रोजेक्ट
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते माह इस परियोजना का शिलान्यास किया था।
- पूरे प्रोजेक्ट की लागत ₹46.87 करोड़ तय की गई है।
- सिविल वर्क के लिए गाजियाबाद की मेसर्स खुशी इंटरप्राइजेज को ₹11.02 करोड़ का कार्यादेश दिया गया है।
- प्रोजेक्शन सिस्टम लगाने की जिम्मेदारी मुंबई की इंफोविजन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को दी जाएगी, जिसके लिए ₹34.99 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई है।
लगाए जाएंगे चार अत्याधुनिक प्रोजेक्टर
- नक्षत्रशाला में चार 8K क्षमता के 2D और 3D प्रोजेक्टर लगाए जाएंगे।
- नया प्रोजेक्शन डोम 17 मीटर व्यास का होगा, जो लखनऊ के डोम से बड़ा होगा।
- इस डोम में इंटरएक्टिव अंतरिक्ष शो, खगोलशास्त्रीय प्रस्तुतियाँ, और एजुकेशनल कंटेंट प्रदर्शित किया जाएगा।
2024 से संचालन बंद, अब तक 11 लाख दर्शक आ चुके
- नक्षत्रशाला का संचालन 19 सितंबर 2024 से अस्थायी रूप से बंद है।
- स्थापना के बाद से अब तक 11 लाख से अधिक दर्शक, विशेष रूप से विद्यार्थी, यहां आ चुके हैं।
- पुराने उपकरणों की लागत ₹8 करोड़ थी, लेकिन अब उनके स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध नहीं हैं, जिससे आधुनिकीकरण अनिवार्य हो गया।
स्पेस गैलरी भी होगी आकर्षण का केंद्र
नक्षत्रशाला के अंतर्गत एक नई अंतरिक्ष गैलरी (Space Gallery) भी बनाई जाएगी। यह गैलरी ब्रह्मांड, ग्रह, उपग्रह, और अंतरिक्ष अभियानों की शैक्षणिक और रोचक जानकारी दर्शकों को देगी।
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