सेंट्रल डेस्क: Election Commissioner Arun Goel Resiged: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषण होने से ठीक पहले चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। अरुण गोयल का कार्यकाल 5 दिसंबर 2027 तक था। वह मौजूदा राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त बनने वाले थे।
अब उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह की बात चल रही हैं। कानून मंत्रालय की एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अरुण गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार 9 मार्च को ही स्वीकार कर लिया था।
तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने किया पोस्ट
चुनाव आयुक्त Arun Goel ने चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा क्यों दिया ये भी अभी तक साफ नहीं हो सका है। अभी तक इसको लेकर कोई अधिकारिक जानकारी भी नहीं दी गई है। दूसरी तरफ़ तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने एक्स पर पोस्ट (ट्वीट) कर कहा है कि, चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने कोलकाता में ईसीआई की चुनाव समीक्षा बैठक के ठीक बाद इस्तीफा क्यों दिया। वो भी जहां वह अचानक चले गए थे? स्पष्ट रूप से चरणों की संख्या और अत्यधिक बल तैनाती पर दिल्ली के आदेश से वह असहमत थे।
अब क्या कर सकती है केंद्र सरकार
नए मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 के तहत, जो दिसंबर में संसद द्वारा पारित किया गया और 2 जनवरी को लागू हुआ, केंद्र सरकार अब लोकसभा चुनाव से पहले दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कर सकती है। हालांकि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो चली है। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कब करती है।
ऐसे होगा चुनाव आयुक्तों का चयन
दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति चयन प्रक्रिया में दो समितियां शामिल हैं, पहला- कानून मंत्री के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय खोज समिति और दूसरा दो सरकारी सचिवों का गठन, और प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय चयन समिति और इसमें प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता द्वारा अनुशंसित एक केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे।
भारतीय चुनाव अयोग्य में पहले से ही एक पद खाली था। लोकसभा चुनाव भी नज़दीक है। ऐसे में अरुण गोयल का इस्तीफ़ा देना चौका देने वाला है। वही अब निर्वाचन आयोग की तीन समिति में दो पद खाली है।
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