राष्ट्रीय डेस्क | वर्तमान में फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) को पेट्रोल-डीजल के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. यह एक आंतरिक दहन ईंधन है जो गैसोलीन और मेथनॉल या इथेनॉल के साथ मिलकर तैयार किया जाता है. इस तरह के ईंधन से पेट्रोल का इस्तेमाल कम होगा और कॉस्ट कटिंग में मदद मिलेगी. वहीं, फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाली कारें बिना किसी दिक्कत के अपने मानक फ्यूल के अलावा दूसरे ईंधन से भी चल सकती हैं.
Flex Fuel क्या होता है?
Flex Fuel एक प्रकार का तरल ईंधन है, जो पेट्रोल और इथेनॉल के मिश्रण से बना होता है. यह मिश्रण 10 प्रतिशत से लेकर 85 प्रतिशत तक इथेनॉल युक्त हो सकता है और इसका उपयोग विशेष रूप से “फ्लेक्स-फ्यूल वाहन” (एफएफवीएस) में किया जाता है. एफएफवीएस ऐसे वाहन होते हैं जिनके इंजन को पेट्रोल और इथेनॉल दोनों के मिश्रण पर चलने के लिए डिजाइन किया गया होता है.
अल्कोहल बेस फ्यूल
Flex Fuel को अल्कोहल बेस फ्यूल भी कहा जाता है, क्योंकि इसे बनाने के लिए गन्ने, मक्का जैसे उत्पादों का उपयोग किया जाता है. इसे बनाने के लिए स्टार्च और शुगर फर्मेंटेशन होता है. भारत में गन्ने की फसल बहुत बड़ी मात्रा में होती है, इसलिए ऐसे ईंधन को बड़े स्तर पर बनाने में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी.
पर्यावरण के लिए बेहतर
इथेनॉल एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है जो गन्ने, मक्का, और अन्य कृषि उत्पादों से प्राप्त किया जाता है. पारंपरिक पेट्रोल की तुलना में, फ्लेक्स फ्यूल कार्बन डाइऑक्साइड का कम उत्सर्जन करता है, जो ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद करता है. इथेनॉल पेट्रोल की तुलना में सस्ता होता है, जिससे फ्लेक्स फ्यूल का उपयोग करने से वाहन चालकों को पैसे बचाने में मदद मिल सकती है.
Flex Fuel उपयोग देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में मदद कर सकता है. क्योंकि इससे विदेशी तेल पर निर्भरता कम होगी.
फ्लेक्स फ्यूल के फायदे
मौजूदा दौर में जिन कारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनमें सिर्फ एक तरह के ही ईंधन का उपयोग किया जाता है. हालांकि कुछ वाहनों में पेट्रोल के साथ सीएनजी जैसे ईंधन का भी विकल्प मिलता है, लेकिन उसके लिए अलग से किट लगवानी होती है या फिर कंपनी से फिट किट वाली कार खरीदनी पड़ती है. ऐसे में जो वाहन फ्लेक्सी इंजन के साथ आएंगे, उनमें एक ही फ्यूल टैंक में हम दो तरह के ईंधन का उपयोग कर सकते हैं.
जैसे कि अगर हमारी कार फ्लेक्सी इंजन वाली होगी तो हम उसको या तो पेट्रोल से चला पाएंगे या फिर उसी कार में बिना किसी बदलाव के इथेनॉल का भी इस्तेमाल कर सकेंगे. डीजल-पेट्रोल की तुलना में आने वाले समय में Flex Fuelसस्ती पड़ेगी. फ्लेक्स फ्यूल वाहन के चलन से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता कम होगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को और संतुलन मिलेगा. फ्लेक्स फ्यूल वाहन के उपयोग से पेट्रोल और डीजल के वाहनों में कमी आयेगी, जिसका सीधा फायदा पर्यावरण को होगा.
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