नईदिल्ली। दिलवालों की दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में चिंताजनक वृद्धि होती ही जा रही है। दिल्ली में महिलाओं के सुरक्षा स्तर को लेकर हो रहे चिंताजनक आंकड़ों ने सबको हिला कर रख दिया है। हाल ही में जारी हुई NCRB की रिपोर्ट ने दिल्ली को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्यों में बताया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले साल की तुलना में साल 2022 में 19 महानगरों में 12.3 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई थी।
इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में लगातार 72.4% की बढ़ोतरी हो रही है, जिससे यह शहर सबसे असुरक्षित महसूस होने का समर्थन कर रहा है। साथ ही, 2022 में नौ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 4% की वृद्धि हुई है, जो साल 2021 की मुकाबले एक चिंगारी है।
NCRB की रिपोर्ट्स के अनुसार, कुल 19 महानगरों (अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, गाजियाबाद, कोयंबटूर, दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोझिकोड कोलकाता, मुंबई, लखनऊ, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत में साल 2022 के दौरान महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के कुल 48,755 मामले दर्ज किए गए, जो साल 2021 (43,414 मामले) की तुलना में 12.3 प्रतिशत की वृद्धि की पुष्टि कर रहा है।
दिल्ली बन रहा है पारिवारिक उत्पीड़न का केंद्र
NCRB की रिपोर्ट्स के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराधों में चौंकाने वाली एक और बड़ी बढ़ोतरी दिल्ली में हुई है, जिससे दिल्ली भी पारिवारिक उत्पीड़न का केंद्र बनता जा रहा है। बता दें कि साल 2022 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले आपराधिक मामले कुल 4,45,256 हैं, जो 2021 की तुलना में 4 प्रतिशत ज्यादा हैं। इसमें पति या रिश्तेदारों द्वारा की गई क्रूरता के मामले सबसे ज्यादा हैं, जो 31.4 प्रतिशत हैं।
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में बलात्कार के सबसे ज्यादा केस
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक एक डरा देने वाला आंकड़ा यह है कि दिल्ली में 2022 के दौरान महिलाओं के अपहरण के मामले में 19.2% की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही बलात्कार के मामले में भी 15.8% की वृद्धि हुई है। शहर के 1,204 मामले महानगरीय शहरों में दर्ज 3,635 बलात्कारों में से लगभग एक तिहाई हैं, इसके बाद जयपुर में 497 और मुंबई में 370 मामले हैं। राजधानी में दहेज हत्या की सबसे अधिक संख्या (129) भी दर्ज की गई – जो देश में ऐसे कुल 381 मामलों में से एक तिहाई से अधिक है। दिल्ली के बाद लखनऊ और कानपुर में 43-43 और जयपुर में 33 नंबर आए।
बच्चों के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामले
इस रिपोर्ट में बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की चिंता जताई गई है। प्रति लाख बच्चों की आबादी पर दर्ज अपराध दर 36.6 थी, जो 2021 की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक है|
READ ALSO: लोगों को ठगने वाली 100 वेबसाइट्स को भारत सरकार ने किया ब्लॉक, जानें क्या है पूरा मामला