उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि रांची, पटना और दिल्ली के तीन परिवार अपने निजी लाभ के लिए लूट और भ्रष्टाचार में शामिल हैं। आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि इस शासन के तहत झारखंड की प्राकृतिक संपदा को लूटा जा रहा है, जबकि राज्य के मजदूर रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं और किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
आदित्यनाथ का आरोप: झामुमो सरकार में लूट और बेरोजगारी
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘झारखंड में झामुमो की सरकार के तहत राज्य की खनिज संपदा का बुरी तरह से शोषण हो रहा है। यहाँ के मजदूर रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं, और किसान आत्महत्या करने की स्थिति में हैं।’’ उनका यह बयान झारखंड के मौजूदा राजनीतिक हालात और सरकारी नीतियों पर गंभीर सवाल उठाता है।
झारखंड में ‘डबल इंजन’ सरकार की आवश्यकता
आदित्यनाथ ने कहा कि जैसे उत्तर प्रदेश में ‘डबल इंजन’ सरकार ने विकास की गति को तेज किया है, उसी तरह झारखंड में भी इस मॉडल की जरूरत है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि झारखंड में माफिया और पत्थरबाजों को सख्ती से निपटा जाएगा। ‘‘झारखंड में ‘डबल इंजन’ सरकार की जरूरत है ताकि पत्थरबाजों और माफियाओं को यमराज के घर तक पहुंचाया जा सके,’’ उन्होंने कहा।
त्योहारों के दौरान हिंसा पर कड़ा हमलायोगी आदित्यनाथ ने झारखंड में शांतिपूर्वक त्योहार मनाने के अधिकार को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। उनका आरोप था कि झामुमो नीत शासन में लोगों को अपने धर्म और संस्कृति के त्योहार मनाने की स्वतंत्रता नहीं दी जा रही है। ‘‘झारखंड में लोग शांतिपूर्वक त्योहार नहीं मना पा रहे हैं। सरकार की ओर से इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं,’’ आदित्यनाथ ने कहा।
क्या होगा झारखंड की राजनीति पर असर?
आदित्यनाथ का यह हमला झारखंड की राजनीति में न केवल एक नया मोड़ ला सकता है, बल्कि राज्य में आगामी चुनावों में बीजेपी की स्थिति को भी मजबूत कर सकता है। इस वक्त झारखंड की राजनीति में बदलाव की हवा तेज हो गई है और जनता इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है।