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एशियन गेम्स में नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, दूसरी बार किया ये कारनामा

by Rakesh Pandey
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खेल डेस्क, नई दिल्ली : भारत के प्रमुख एथलीटों में से एक नीरज चोपड़ा ने एशियाई खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने उत्कृष्ट प्रयास के साथ 88.88 मीटर भाला फेंक कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। यह उनका दूसरा स्वर्ण पदक है। पहला स्वर्ण पदक उन्होंने वर्ष 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में जीता था। इसके साथ ही, भारत के युवा खिलाड़ी किशोर जेना ने भी अद्वितीय प्रदर्शन किया। 87.54 मीटर के प्रयास से रजत पदक जीता। यह उनका पहला एशियाई खेल है। जापान के गेंकी डीन 82.68 मीटर के प्रयास के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

 

 भारत के पास भाला फेंक स्पर्धा में कुल पांच पदक

 

1951 से भाला फेंक एशियाई खेल का हिस्सा रहा है। इस खेल का इतिहास इस बार एक नई ऊंचाई को दर्शाता है। यह 72 वर्षों के इतिहास में पहली बार है कि भारत के दो एथलीटों ने एशियाई खेलों के भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण और रजत पदक जीते हैं। इस सफलता के साथ, भारत ने एशियाई खेलों के भाला फेंक स्पर्धा में कुल पांच पदक जीत लिए हैं। इन दो पदकों से पहले, 1951 दिल्ली एशियाई खेलों में परसा सिंह ने रजत पदक जीता था। 1982 दिल्ली एशियाई खेलों में गुरतेज सिंह ने कांस्य पदक जीता था। और 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा, एशियाड के पुरुषों के भाला फेंक में भारत ने पहली बार दो पदक जीते हैं। जो इस खेल में देश की ताक़त और खिलाड़ियों की अद्वितीय क्षमता को दर्शाता है। यह जीत भारतीय खेल के इतिहास में एक गर्वपूर्ण पल है।

 

 पहला थ्रो रहा ऐसा

 

नीरज चोपड़ा का पहला थ्रो 82.38 मीटर तक पहुंचा। इस उत्कृष्ट प्रयास के बाद, वह प्रतियोगिता में पहले स्थान पर पहुंच गए। भारत के दूसरे एथलीट किशोर जेना उनके पीछे थे और उन्होंने 81.26 मीटर तक का थ्रो किया था। तीसरे स्थान पर रहे जापान के गेंकी डीन ने 78.87 मीटर के थ्रो के साथ दमदार प्रदर्शन किया।

 

 पहले स्थान पर बरकरार रहे नीरज

 

नीरज चोपड़ा का दूसरा थ्रो 84.49 मीटर तक पहुँचा, जो उनके पिछले थ्रो की तुलना में एक बड़ा सुधार था। वह इस दूसरे थ्रो में भी पहले स्थान पर बरकरार रहे। अपने अद्वितीय प्रदर्शन को जारी रखा। किशोर जेना, जो दूसरे स्थान पर थे, ने इस दूसरे थ्रो में 79.76 मीटर का थ्रो किया, जिससे उन्होंने अपने स्थान को बरकरार रखा।

 

 नीरज चोपड़ा से आगे निकले जेना

 

नीरज चोपड़ा का तीसरा थ्रो फाउल हो गया, जब उन्होंने क्रासिंग मार्क को छू लिया। इसके परिणामस्वरूप, वह इस थ्रो के लिए स्वर्ण पदक से दूर रहे। किशोर जेना का तीसरा थ्रो 86.77 मीटर तक पहुँचा, जो उनके व्यक्तिगत बेस्ट प्रयास के साथ था। यह थ्रो ने जेना को नीरज से आगे निकाल दिया और उन्हें स्वर्ण पदक के दावेदार बना दिया।

 

 पहले स्थान पर वापिस पहुंचे नीरज

 

नीरज चोपड़ा का चौथा थ्रो अद्वितीय और उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रतीक रहा। जेना के थ्रो के बाद नीरज ने अपने आत्मविश्वास को पूरी ऊर्जा के साथ दिखाया। इस थ्रो में जैसे ही अपना प्रयास किया, उनका समर्थन सातवें आसमान पर था। नीरज चोपड़ा का चौथा प्रयास 88.88 मीटर तक पहुंचा, जो उनके इस सीजन का सर्वश्रेष्ठ थ्रो था। उन्होंने इस थ्रो में उनके आत्मविश्वास को पुनः प्रमाणित किया। पहले स्थान पर पहुँच गए। किशोर जेना का चौथा प्रयास 87.54 मीटर तक पहुँचा, जिससे उन्होंने अपने पर्सनल बेस्ट थ्रो को बढ़ावा दिया। यह चौथा प्रयास ने उन्हें दूसरे स्थान पर बरकरार रखा और इस प्रतियोगिता में उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन दर्शाया।

 

 

स्वर्ण और रजत मिलने के साथ जश्न

 

नीरज चोपड़ा का पांचवां थ्रो 80.80 मीटर तक पहुँचा, जिससे उन्होंने अपने प्रयास को समाप्त किया। वहीं किशोर जेना का पांचवां थ्रो फाउल हो गया, जिससे उन्होंने इस थ्रो को समाप्त किया। जब दोनों खिलाड़ियों ने अपने छठे थ्रो को फाउल किया, तो उन्होंने अपने-अपने प्रयासों के बाद जश्न मनाना शुरू किया। नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि किशोर जेना ने रजत पदक जीता।

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