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Dumdum Airport : दमदम एयरपोर्ट पर नई सुविधा : अब लगेज के लिए लंबी कतारें नहीं, सेल्फ-बैगेज टैगिंग से मिलेगी राहत

by Rakesh Pandey
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कोलकाता : अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (दमदम एयरपोर्ट) पर यात्रियों को लंबी कतारों का सामना नहीं करना पड़ेगा। एयरपोर्ट ने एक नई सुविधा की शुरुआत की है, जिससे यात्रियों को चेक-इन प्रक्रिया में खड़ी होने वाली लंबी कतारों से निजात मिल सकेगी। इस नई सुविधा का नाम है ‘सेल्फ-बैगेज टैग कियोस्क’। इसके जरिए यात्री अपने बैग पर खुद टैग लगा सकते हैं और फिर उसे कन्वेयर बेल्ट पर डालकर सीधे सुरक्षा जांच (सिक्योरिटी चेक) के लिए जा सकते हैं। इससे न केवल उनका समय बचेगा, बल्कि एयरपोर्ट पर उनका सफर भी और ज्यादा आरामदायक हो जाएगा।

बैगेज चेक-इन में हो रही तेजी

अब तक, यात्रियों को एयरलाइन के चेक-इन काउंटर पर लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था। बैग चेक-इन करते समय टिकट, आईडी वेरिफिकेशन, और बोर्डिंग पास प्राप्त करने में समय लगता था। लेकिन पेपरलेस डिजी यात्रा तकनीक और वेब चेक-इन के लागू होने से यह प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। यात्रियों को अब टर्मिनल पर प्रवेश और सुरक्षा जांच के दौरान लंबी कतारों में खड़ा होने की जरूरत नहीं होती। अब हैंड बैगेज के साथ यात्रा करने वाले यात्री केवल 10 मिनट में सुरक्षा जांच तक पहुंच सकते हैं, जबकि पहले यह प्रक्रिया 30 से 45 मिनट तक लगती थी।

सेल्फ-बैगेज टैग कियोस्क से कैसे होगा फायदा

इस नई सेल्फ-बैगेज टैग कियोस्क सेवा से यात्रियों को रजिस्टर्ड बैगेज जमा करने की प्रक्रिया में काफी सहूलियत मिलेगी। पहले, बड़े बैग वाले यात्रियों को बैगेज चेक-इन काउंटर पर लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था। लेकिन अब, इस कियोस्क के माध्यम से यात्री अपने बैग पर खुद बैगेज टैग लगा सकते हैं। इसके बाद, वे आसानी से बैग को कन्वेयर बेल्ट पर रख सकते हैं और फिर सीधे सुरक्षा जांच के लिए जा सकते हैं। इस सुविधा से यात्रियों को 5 से 20 मिनट तक का समय बचने की उम्मीद है।

अधिकारी का बयान

कोलकाता एयरपोर्ट के अधिकारियों ने इस नई पहल के बारे में जानकारी दी और कहा कि पहले हैंड बैगेज के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों को इस तरह की सुविधा मिल चुकी थी, लेकिन बड़े बैग वाले यात्रियों को अभी भी लंबी कतारों का सामना करना पड़ता था। अब कुछ एयरलाइंस ने वेब चेक-इन के दौरान बैगेज टैग प्रिंट करने की सुविधा शुरू की है। हालांकि, इन टैग्स को बैग पर सही तरीके से चिपकाना जरूरी होता है, ताकि बैग को सही फ्लाइट में लोड किया जा सके और वह सही गंतव्य तक पहुंचे। अब सेल्फ-बैगेज टैगिंग की शुरुआत के साथ यह प्रक्रिया भी बहुत तेज और आसान हो गई है।

कौन-कौन सी एयरलाइंस ने शुरू की सेवा

इस सुविधा को इंडिगो, एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी प्रमुख एयरलाइंस ने शुरू किया है। ये तीनों एयरलाइंस मिलकर कोलकाता एयरपोर्ट से संचालित होने वाली लगभग 80% घरेलू उड़ानों को कवर करती हैं। खासकर इंडिगो और एयर इंडिया के चेक-इन काउंटरों पर अक्सर यात्रियों की भारी भीड़ होती है, लेकिन अब इस नई सुविधा से उन्हें काफी राहत मिलेगी।

यात्रियों का अनुभव

नई सुविधा के बारे में यात्रियों का अनुभव बहुत सकारात्मक रहा है। अमित पोद्दार, जो मुंबई के एक मेडिकल कॉलेज में पढ़ाते हैं, ने इस सुविधा की सराहना करते हुए कहा, ‘यह बहुत अच्छा अनुभव था। पहले मुझे अपने बैग को जमा करने के लिए 25 मिनट तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता था, लेकिन अब मैंने बहुत जल्दी यह प्रक्रिया पूरी की। यह सुविधा खासकर बार-बार यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए बहुत मददगार साबित होगी’।

सेल्फ-बैगेज टैगिंग प्रक्रिया

यह प्रक्रिया बेहद सरल है। सबसे पहले, यात्रियों को वेब चेक-इन के दौरान प्राप्त बोर्डिंग पास को कियोस्क पर स्कैन करना होता है या फिर पीएनआर और अपना नाम दर्ज करना होता है। इसके बाद, यात्रियों को जमा किए जाने वाले बैग की संख्या चुननी होती है। इसके बाद, वे बैग को कियोस्क के पास रखी कन्वेयर बेल्ट पर रख सकते हैं। यदि बैग का वजन 15 किलोग्राम के अंदर है, तो बैगेज टैग प्रिंट हो जाएगा। फिर एयरलाइन का ग्राउंड स्टाफ बैग पर टैग लगाकर यात्री को काउंटरफॉयल सौंपेगा।

समय की बचत और यात्रा को सरल बनाना

इस नई सुविधा से यात्रियों को न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि पूरे एयरपोर्ट के अनुभव को भी सहज और तेज बना दिया गया है। इससे यात्रियों को आराम से और बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा पूरी करने का मौका मिलेगा।

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