सेंट्रल डेस्क: शुक्रवार 7 फरवरी को न्यू डायरेक्ट टैक्स कोड या नई आयकर बिल को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी संघीय बजट 2025 में घोषणा की थी कि केंद्र सरकार नया आयकर बिल लाएगी। यह नया आयकर अधिनियम 1961 के पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा और इसके प्रावधानों और धाराओं को सरल बनाएगा।
बजट अभिभाषण में वित्त मंत्री ने की थी घोषणा
अपने 2025-26 के केंद्रीय बजट की प्रस्तुति के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नया आयकर बिल लाने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य मौजूदा कर ढांचे को सरल और स्पष्ट बनाना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि “नया आयकर बिल स्पष्ट और प्रत्यक्ष होगा।”
यह एक महत्वपूर्ण कानून है, जिसमें 298 धाराएं शामिल हैं। यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के प्रमुख आय स्रोतों को निर्धारित करती है।
आयकर अधिनियम में होते रहे हैं बदलाव
पूर्व में आयकर अधिनियम 1961 में पारित हुआ था। 64 वर्षों में, आयकर अधिनियम में लगभग हर साल बदलाव हुए हैं। कर दरों में बदलाव से लेकर नई प्रावधानों की शुरुआत तक, नई छूट लाने से लेकर पुरानी छूट को समाप्त करने तक – इस अधिनियम में पिछले छह दशकों में बहुत कुछ हुआ है और यह सिलसिला अब भी जारी है। इन वर्षों में, आयकर अधिनियम में इतने अधिक संशोधन किए जा चुके हैं कि इसका अब रूप और आकार भी बदल गया है। कई वर्षों से कर विशेषज्ञ और करदाता एक नए कानून की आवश्यकता महसूस कर रहे थे। एक ऐसा कानून जिसमें सभी वर्तमान प्रावधानों को समाहित करते हुए एक साफ-सुथरी शुरुआत हो और आसानी से सभी के समझ में आ जाए।
सरल और सहज बनाने पर जोर
2024 के बजट भाषण में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी, कि सरकार आयकर अधिनियम, 1961 का व्यापक समीक्षा करेगी, ताकि इसे संक्षिप्त, पढ़ने में आसान और समझने में सरल बनाया जा सके। उन्होंने एक मुख्य उद्देश्य का उल्लेख किया – करदाताओं को करों के मामलों में निश्चितता प्रदान करने के साथ-साथ विवादों और मुकदमों में कमी लाना भी है। उस समय उन्होंने यह भी कहा था कि यह कार्य छह महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा यानि 23 जनवरी 2025 से पहले।
जनता से भी मांगे गए थे सुझाव
इस संबंध में इन्कम टैक्स की वेबसाइट पर जनता से उन बदलावों के बारे में सुझाव मांगे गए थे, जिन्हें वे नए कानून के रूप में देखना चाहते थे। दिलचस्प बात यह थी कि सुझाव देने की समय सीमा 2025 के बजट से पहले तक की थी। वित्त मंत्री ने संसद में 1 फरवरी को अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि नया आयकर बिल जल्द ही पेश किया जाएगा। यह बिल उस ही न्याय की भावना को आगे बढ़ाएगा, जो जुलाई 2024 में भारतीय दंड संहिता (1860) को बदलने वाले भारतीय न्याय संहिता में थी।
कम किए जाएंगे कानूनी प्रावधान
वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण ने कहा था कि यह नया कर विधेयक साफ और सीधे शब्दों में होगा, और इसमें मौजूदा कानून के लगभग आधे प्रावधान होंगे। यह करदाताओं और कर प्रशासन के लिए समझने में सरल होगा और इससे कर की निश्चितता और विवाद कम होने की उम्मीद है।
नए कर कानून की आवश्यकता
श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC), दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर सौम्या अग्रवाल कहती हैं कि वर्तमान कानून की एक प्रमुख आलोचना यह हो रही थी कि यह संशोधनों और बदलावों के कारण काफी जटिल हो गया है। व्यक्ति की आवासीय स्थिति, विभिन्न पूंजीगत संपत्तियों पर पूंजीगत लाभ कर, संपत्ति की परिभाषा जैसे विषय जटिल हो गए हैं। इन्हें सरल बनाने के लिए, इसे नए दृष्टिकोण और सरलता के साथ फिर से लिखा जाना बेहतर माना जा रहा था।