Ranchi News: झारखंड पुलिस ने इस वर्ष 1 जनवरी से अब तक नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए सक्रिय अभियानों में कुल 29 नक्सलियों को मार गिराया है। डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देशन में पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा और झारखंड जगुआर दस्ते मिलकर लगातार ऑपरेशन कर रहे हैं और उन्हें सफलता मिल रही है। अभियान के दौरान 20 नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में जोड़े गए, जबकि 16 नक्सली-उग्रवादियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
आईजी अभियान व पुलिस प्रवक्ता माइकल राज एस ने बताया कि राज्य भर में नक्सलियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी हैं और हालिया मुठभेड़ों में कई शीर्ष दर्जे के नक्सली ढेर किए गए।
हाल की बड़ी मुठभेड़ें (मुख्य घटनाएँ)
- 15 सितंबर — हजारीबाग (गोहर थाना क्षेत्र): केंद्रीय कमिटी का सदस्य प्रवेश उर्फ सहदेव सोरेन (₹1 करोड़ इनामी), ₹25 लाख इनामी रघुनाथ हेंब्रम और ₹10 लाख इनामी बिरसेन गंझू मारा गया।
- 14 सितंबर — पलामू (मनातू जंगल): टीपीसी संगठन के कमांडर मुखदेव यादव (₹5 लाख इनामी) ढेर।
- 8 सितंबर — चाईबासा (गोइलकेरा): ₹10 लाख के इनामी अमित हांसदा उर्फ अपटन मारा गया।
- (अन्य प्रमुख मुठभेड़ों का विवरण) 13 अगस्त, 5 अगस्त, 26 जुलाई, 16 जुलाई, 26 मई, 24 मई, 27 मई, 21 अप्रैल, 29 जनवरी और 22 जनवरी को भी विभिन्न जिलों में मुठभेड़ें हुईं, जिनमें कई नक्सली मारे गए। शीर्ष नक्सलियों पर दर्ज मामले व इनाम
- प्रवेश (सहदेव सोरेन) — केंद्रीय कमिटी सदस्य, झारखंड सरकार द्वारा ₹1 करोड़ इनाम, उसके खिलाफ लगभग 30 मामले दर्ज।
- रघुनाथ हेंब्रम (शिबु/सीबू मांझी) — ₹25 लाख इनामी, उनके खिलाफ 58 मामले दर्ज।
- बिरसेन गंझू (खेलवान) — ₹10 लाख इनामी, उनके खिलाफ 36 मामले दर्ज।
प्रवेश सहित इन नक्सलियों का कार्यक्षेत्र बोकारो, हजारीबाग, गिरिडीह व बिहार के कुछ जिलों तक विस्तृत बताया गया है; कई वर्ष पहले ये एमसीसीआई/माओवादी माध्यम से सक्रिय हुए थे और भारी हथियार तथा दस्ता लेकर क्षेत्रीय गतिविधियाँ संचालित करते थे।
घटनास्थल से बरामद सामान
- 3 पीस AK-47 राइफल (मैगज़ीन लगा हुआ)
- 63 पीस AK-47 जिंदा राउंड
- 6 पीस भरे हुए मैगज़ीन
- 3 पीस मैगज़ीन पाउच
- 1 सेमसंग गैलेक्सी टैब
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
- नकद राशि
- 4 पीस माओवादी पर्चे
- 6 सिरिंज-इंजेक्शन
- ग्रेनेड के स्पलिन्टर, स्प्रिंग, लीवर व अन्य ग्रेनेड सामान
प्रशासन ने कहा है कि बरामद सामग्री के साथ नक्सली संचालन और आपूर्ति श्रृंखला के संबंधों की गहन छानबीन जारी है।