Home » student rape and forced religious conversion case : हिन्दू छात्राओं से गैंगरेप और जबरन धर्म परिवर्तन पर NHRC सख्त, दोषी अफसरों पर गिरेगी गाज

student rape and forced religious conversion case : हिन्दू छात्राओं से गैंगरेप और जबरन धर्म परिवर्तन पर NHRC सख्त, दोषी अफसरों पर गिरेगी गाज

* NHRC action student rape and forced religious conversion case : NHRC ने कहा-यह संगठित अपराध, 25 जुलाई तक मांगी विस्तृत रिपोर्ट...

by Anand Mishra
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

Bhopal (Madhy Pradesh) : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक निजी कॉलेज की छात्राओं के साथ बलात्कार, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्म परिवर्तन के गंभीर मामले पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने इसे यौन शोषण से कहीं अधिक, एक संगठित और योजनाबद्ध अपराध करार देते हुए राज्य सरकार को कई कड़े निर्देश दिए हैं।

यह केवल बलात्कार नहीं, मानव तस्करी और मानसिक शोषण भी : NHRC

फर्जी पहचान से दोस्ती कर निकाह का दबाव बनाने का आरोप : इस मामले में आरोप है कि एक समुदाय विशेष के कुछ युवकों ने भोपाल के एक निजी कॉलेज की हिंदू छात्राओं को पहले झूठी पहचान के आधार पर दोस्ती में फंसाया, फिर उनके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उनके अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया गया। फिर जबरन धर्म परिवर्तन व शादी के लिए मजबूर किया गया। आयोग ने इसे मानव तस्करी, मानसिक शोषण, जबरन धर्म परिवर्तन और संगठित अपराधों की श्रृंखला बताया है। NHRC की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी न केवल भोपाल तक सीमित हैं, बल्कि उनके नेटवर्क की जड़ें अन्य राज्यों में भी फैली हो सकती हैं।

NHRC की सिफारिशें : पीड़ितों को 5-6 लाख मुआवजा, नए कॉलेज में पढ़ाई और पुनर्वास

मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जा रही 50 हजार की सहायता को बताया अपर्याप्त : आयोग ने कहा कि प्रत्येक पीड़िता को 5 लाख रुपये और नाबालिग पीड़िता को 6 लाख रुपये की अंतरिम राहत तुरंत दी जाए। इसके अलावा सभी पीड़िताओं को सुरक्षित माहौल में नए कॉलेज में दाखिला दिलवाया जाए। उनकी पुरानी SC/ST/OBC छात्रवृत्तियां बहाल की जाएं और उनका पूर्ण पुनर्वास कराया जाए।

NHRC की टीम की रिपोर्ट में बड़ी खामियों का खुलासा

पुलिस की लापरवाही, डिजिटल साक्ष्य गायब, क्लब-90 पर उठे सवाल : NHRC की टीम ने 13 से 17 मई 2025 के बीच भोपाल आकर कॉलेज, संबंधित थाने, क्लब-90, और पीड़ितों के घरों का निरीक्षण किया। जांच में चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है, जो निम्न है :

  • पीड़िता की Dial-100 पर की गई कॉल को पुलिस ने नजरअंदाज किया।
  • बलात्कार की FIR में हल्की धाराएं लगाई गईं।
  • डिजिटल साक्ष्य नहीं जुटाए गए।
  • अपराध के अड्डे के रूप में इस्तेमाल किए गए क्लब-90 को बाद में अवैध तरीके से गिरा दिया गया।
  • कॉलेज में एंटी-रैगिंग या महिला सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी।
  • पीड़ित छात्राओं को पढ़ाई छोड़नी पड़ी, वे अब भी भयभीत हैं।

दोषी अधिकारियों पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई

NHRC ने कहा कि पुलिस और प्रशासन की इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई अनिवार्य है। साथ ही, क्लब-90 की फॉरेंसिक जांच कराई जाए और पीड़िताओं को काउंसलिंग, कानूनी सहायता और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा दी जाए।

NGOs को मिला सहयोग का न्योता, रिपोर्ट की अंतिम तारीख 25 जुलाई

आयोग ने राज्य सरकार से 25 जुलाई 2025 तक इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कहा है कि यदि कोई NGO या संस्था पीड़ित छात्राओं की शिक्षा, काउंसलिंग या पुनर्वास में मदद करना चाहे, तो सरकार पूर्ण सहयोग प्रदान करे।

NHRC ने दी चेतावनी : यह समाज में फैलता खतरनाक ट्रेंड है

आयोग ने इसे यौन उत्पीड़न से आगे बढ़कर, सामाजिक और धार्मिक स्तर पर खतरनाक ट्रेंड करार दिया है, जो युवतियों के जीवन को गहराई से प्रभावित कर रहा है। NHRC ने यह भी कहा कि यदि इस पर तुरंत और सख्ती से कार्रवाई नहीं हुई, तो इसका दायरा और अधिक व्यापक और विनाशकारी हो सकता है।

Read also : झारखंड प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई का आदेश

Related Articles