रांची: झारखंड में लगातार हो रही परीक्षा धांधलियों और प्रश्नपत्र लीक मामलों को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता बसंत महतो की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गंभीर रुख अपनाया है। आयोग ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि 8 सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपें और शिकायतकर्ता को कार्रवाई की जानकारी दें।

सोशल मीडिया पर लीक हुए पेपर
बसंत महतो ने अपनी शिकायत में कहा कि मैट्रिक परीक्षा 2025 में हिंदी और विज्ञान के प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर लीक हुए, वहीं JSSC, CGL परीक्षा 2024 भी पेपर लीक विवाद में रही। उन्होंने बताया कि 2001 से लेकर अब तक JPSC, JSSC, शिक्षक व पुलिस भर्ती परीक्षाओं में लगातार घोटाले सामने आए हैं।

नकल विरोधी कानून होने के बाद भी भ्रष्टाचार थमा नहीं
बसंत महतो ने आरोप लगाया कि देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून होने के बावजूद राज्य में भ्रष्टाचार थमा नहीं है, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में है। NHRC ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि कड़े कानून के बावजूद पेपर लीक क्यों नहीं रुक रहे हैं और छात्रों को अब तक न्याय क्यों नहीं मिला।
पुन: परीक्षा की सुविधा देने की मांग की
बसंत महतो ने आयोग से न्यायिक जांच, दोषियों पर सख्त कार्रवाई और छात्रों को मुआवजा व दोबारा परीक्षा की सुविधा देने की मांग की है। यह कदम राज्य की परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।