नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि Indian Rare Earths Limited (IREL), हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) और नेशनल अल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) को National Critical Mineral Corporation के साथ मर्ज करने की कोई योजना नहीं है। केंद्र की ओर से दिए गए इस स्पष्टीकरण को इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि भारत की खनिज नीति की तुलना चीन के केंद्रीकृत मॉडल से की जा रही थी।
चाइनीज मॉडल अपनाने की चल रही थी अफवाह
दरअसल, सरकार से यह पूछा गया था कि क्या भारत भी चीन की तरह क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में एक ही कंपनी बनाकर एकाधिकार मॉडल अपनाने जा रहा है। चीन की खनिज बाज़ार में बढ़त का बड़ा कारण उसके सरकारी नियंत्रण वाले विशाल कॉर्पोरेट समूह जैसे कि China Minmetals हैं।
लेकिन खनन मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि IREL, HCL और NALCO स्वतंत्र रूप से भारत सरकार के अधीन कार्यरत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हैं, और इन्हें मिलाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।
तकनीक के जरिए लाई जाएगी पारदर्शिता
खनिज प्रबंधन में पारदर्शिता लाने को लेकर भी मंत्रालय ने उठाए गए कदमों की जानकारी दी। 3 अक्टूबर 2023 को मंत्रालय ने प्रमुख खनिज उत्पादक राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए थे ताकि लौह अयस्क और अन्य खनिजों की ग्रेड गड़बड़ी को रोका जा सके।
इन दिशा-निर्देशों में ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए खनिजों की संपूर्ण वैल्यू चेन पर निगरानी रखने का प्रस्ताव है। जैसे ग्रेड की सेल्फ डिक्लेरेशन, परिवहन ट्रैकिंग और इनवॉयस का ऑटोमेटिक मिलान। इसके अलावा, सेटेलाइट के माध्यम से AI आधारित ऑडिट की भी व्यवस्था की गई है, जिससे निगरानी और अनुपालन को मजबूती मिलेगी।
IREL (India) Limited: भारत के रणनीतिक खनिजों की रीढ़
IREL एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (CPSE) है, जो परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन आता है। यह दुर्लभ खनिजों के खनन और प्रोसेसिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और देश की रणनीतिक खनिज श्रृंखला में इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Hindustan Copper Limited (HCL): देश का एकमात्र वर्टिकली इंटीग्रेटेड कॉपर प्रोड्यूसर
HCL, खनन मंत्रालय के तहत कार्यरत एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी (PSU) है और यह भारत की एकमात्र ऐसी कंपनी है जो कॉपर के खनन से लेकर प्रोसेसिंग तक सभी चरणों को कवर करती है। यह भारत की तांबा सुरक्षा के लिए अति आवश्यक है।
NALCO: एलुमिनियम उद्योग की प्रमुख ताकत
NALCO एक नवरत्न PSU है जो खनन मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है। यह बॉक्साइट खनन, एल्युमिना रिफाइनिंग, एलुमिनियम स्मेल्टिंग और पावर जेनरेशन के एकीकृत संचालन में संलग्न है।
Also Read: CISF में हर साल होगी 14 हजार नई भर्तियां, पांच वर्षों में बल की संख्या 2.20 लाख करने का टारगेट