RANCHI (JHARKHAND): झारखंड की राजधानी में गैर मजरुआ जमीन पर कब्जा करने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसा करने वालों पर न केवल नकेल कसने की तैयारी है। बल्कि, अब अवैध कब्जा करने वालों पर बीएनएस की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी और आरोपी को जेल भी भेजा जाएगा। जनता दरबार में गैर मजरुआ जमीन की एक शिकायत के बाद उपायुक्त रांची ने ये आदेश दिया है।
दो लोगों के नाम से काटी रसीद
कांके अंचल क्षेत्र में गैर मजरुआ जमीन पर भू-माफिया द्वारा अवैध कब्जे की बढ़ती शिकायतों को लेकर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जनता दरबार में कांके अंचल के कामता मौजा से एक मामला सामने आया, जहां खाता नंबर-4, प्लॉट नंबर-112 और 81, रकबा 75 डिसिमल की जमीन पर दो अलग-अलग लोगों के नाम से रसीद निर्गत कर दी गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस जमीन का निबंधन उनके नाम से है और 2025-26 तक ऑनलाइन लगान रसीद भी निर्गत है, लेकिन भू-माफिया की मिलीभगत से पंजी-2 में छेड़छाड़ कर किसी अन्य व्यक्ति के नाम से ऑनलाइन रसीद जारी कर दी गई है।
बीएनएस के तहत होगी कार्रवाई
मामले को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही, कांके अंचल के मौजा-रेण्डो में गैर मजरुआ जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत पर उपायुक्त ने जिलास्तरीय टीम गठित कर मापी कराने और उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इस टीम में जिलास्तरीय पदाधिकारी, अमीन, संबंधित सीओ, सीआई और कर्मचारी शामिल होंगे। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के मामलों में बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बीएनएस के प्रावधान के अनुसार, सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों को 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। उपायुक्त ने अंचल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पंजी-2 में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की शिकायतों पर तत्परता से कार्रवाई की जाए और दोषी कर्मियों व भू-माफिया पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
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