नई दिल्ली: द्वारका जिले की छावला पुलिस ने एक सनसनीखेज ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाते हुए मृतका के पति और नौकर को गिरफ्तार किया है। इस हत्याकांड का खुलासा एक छोटी सी नोज पिन ने किया, जिसने पूरे मामले की गुत्थी सुलझाने में अहम भूमिका निभाई।

यह मामला 15 मार्च को सामने आया था, जब नजफगढ़ नाले के पास निर्मल धाम के नजदीक एक महिला का शव संदिग्ध हालात में कपड़े में लिपटा हुआ और पत्थरों से बंधा हुआ मिला। शव की हालत और पहचान न हो पाने के कारण यह एक ब्लाइंड मर्डर का मामला बन गया था। छावला थाने में इस संबंध में एफआईआर संख्या 121/25 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
नोज पिन बना हत्या का सुराग
जांच के दौरान पुलिस को मृतका की नाक में पहनी गई नोज पिन पर हॉलमार्क नजर आया। इस हॉलमार्क की जांच कराने के बाद पुलिस उस जौहरी तक पहुंची, जिसने यह नोज पिन बनाई थी। इसके माध्यम से मृतका की पहचान 47 वर्षीय सीमा के रूप में हुई, जो द्वारका सेक्टर-10 की रहने वाली थी और पेशे से प्रॉपर्टी डीलर अनिल कुमार की पत्नी थी।
पति पर बढ़ा शक, नौकर ने किया खुलासा
द्वारका डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि जब पुलिस ने अनिल कुमार से पूछताछ शुरू की, तो वह लगातार गोलमोल जवाब देने लगा और बार-बार बयान बदलने लगा। इससे पुलिस को उस पर शक हुआ। पुलिस ने आगे की जांच में सीमा के घर में काम करने वाले नौकर शिव शंकर को भी हिरासत में लिया।
पूछताछ में शिव शंकर ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि 11 मार्च को उसने सीमा की हत्या अपने मालिक अनिल कुमार के साथ मिलकर की थी। हत्या के बाद दोनों ने शव को चादर में लपेटा, केबल तार से बांधा और फिर उसे नजफगढ़ के साहिबी नदी में फेंक दिया।
हत्या के बाद पति हुआ फरार
शव की पहचान और नौकर के कबूलनामे के बाद आरोपी अनिल कुमार फरार हो गया। पुलिस ने लगातार दबिश देकर कई दिनों की तलाश के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के अमेठी निवासी शिव शंकर (35) और अनिल कुमार (47) के रूप में हुई है।
हत्या की वजह की जांच जारी
मृतका सीमा के दो बच्चे हैं। फिलहाल पुलिस इस ब्लाइंड मर्डर के पीछे की असली वजह और अन्य पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है। हत्या की साजिश, मकसद और इसमें किसी और की संलिप्तता को लेकर भी पूछताछ जारी है।
तकनीकी जांच ने सुलझाया मामला
यह मामला पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि शुरुआत में न शव की पहचान हो पाई थी और न ही हत्या का कोई गवाह था। लेकिन एक छोटी सी नोज पिन के जरिए जिस तरह से पुलिस ने तकनीकी जांच और सूझबूझ से इस जघन्य अपराध को सुलझाया, वह काबिल-ए-तारीफ है।