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अब सस्ते दाम में मिलेंगे मोटे अनाज से बने प्रोडक्ट्स, जीएसटी काउंसिल ने घटाया टैक्स, जानिए नया रेट

by Rakesh Pandey
अब सस्ते दाम में मिलेंगे मोटे अनाज से बने प्रोडक्ट्स
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नई दिल्ली: सर्दियों की गुनगुनी धूप में ज्वार, बाजरा या रागी जैसे मोटे अनाज की गरमागरम रोटी खाने का मन आखिर किसका नहीं करता। अब सर्दियों से पहले सरकार ने इन मोटे अनाज को लेकर बड़ा तोहफा दिया है। इन सभी का आटा अगर गैर-ब्रांडेड या खुले में बिक रहा है, तो उस पर शून्य जीएसटी लगेगा।

अब सस्ते दाम में मिलेंगे मोटे अनाज से बने प्रोडक्ट्स

हालांकि, सरकार ने बाजरा या अन्य मिलेट्स के ब्रांडेड आटे पर जीएसटी की दर को 5 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 18 प्रतिशत थी। जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह फैसला लिया गया है।

इस फैसले की उम्मीद पहले से थी, क्योंकि फिटमेंट कमेटी ने आटा फॉर्म में मिलने वाले मिलेट्स पर GST घटाने की सिफारिश की थी। मोटे अनाज के तहत बाजरा, ज्वार, रागी, कंगनी, कुटकी, कोदो, सवां, चेना, जौ आदि आते हैं। मोटे अनाज अपने पोषक तत्वों की वजह से काफी लोकप्रिय हैं।

समय-सयम पर बुलाई जाती है जीएसटी परिषद की बैठक
बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री तथा केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। जीएसटी परिषद की बैठक समय-समय पर कर दरों, नीतिगत बदलावों और प्रशासनिक मुद्दों सहित जीएसटी व्यवस्था से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए बुलाई जाती है। जीएसटी काउंसिल भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह सुनिश्चित करते हुए कि यह देश के आर्थिक लक्ष्यों के साथ संरेखित हो और नागरिकों और व्यवसायों पर कर का बोझ कम करे।

जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री ने दी जानकारी
जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फैसलों की जानकारी दी। इसमें साफ किया गया कि मोटे अनाज के गैर-ब्रांडेड और खुले आटे पर जीएसटी की दर शून्य होगी। हालांकि, खुले आटे में अगर मोटे अनाज को ब्लेंड भी किया जा रहा है, तब भी उसमें कम से कम 70 प्रतिशत मिलेट्स होना चाहिए, तभी ये आटा जीएसटी छूट के दायरे में आएगा। अगर मोटे अनाज का खुला आटा 100 प्रतिशत मिलेट्स से ही बना है, तब भी वह जीएसटी में छूट का अधिकारी होगा।

मोदी सरकार मिलेट्स को लगातार दे रही है बढ़ावा
साल 2023 को दुनियाभर में इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है। मोदी सरकार मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दे रही है, तभी तो जी20 जैसे बड़े इंटरनेशनल आयोजन में भी मिलेट्स से बनी डिशेज मेहमानों को परोसी गईं थी। वहीं, हाल के समय में स्वास्थ्य को वरीयता देने वाले लोगों के बीच मिलेट्स का उपयोग भी बढ़ा है। ऐसे में जीएसटी से ये राहत मिलेट्स के कंज्यूमर्स के साथ-साथ इनके किसानों को भी फायदा पहुंचाएगी।

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