धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले में नेशनल रुरल हेल्थ मिशन (NRHM) के घोटाले के आरोपी प्रमोद कुमार सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। प्रमोद सिंह पर 9 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी राशि के गबन का आरोप है। यह घोटाला राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) फंड से संबंधित है।
ईडी ने क्यों की गिरफ्तारी?
प्रमोद कुमार सिंह, जो धनबाद के निवासी हैं, को ईडी ने पहले ही 12 समन भेजे थे, लेकिन वे एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए। इसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया और रांची की PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट में पेश किया। ईडी ने प्रमोद सिंह को सात दिनों की रिमांड पर लेने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने तीन दिनों की रिमांड मंजूर की।
प्रमोद सिंह की संपत्तियों पर जब्ती
ईडी ने प्रमोद कुमार सिंह की 1.63 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त किया है। यह संपत्ति प्रमोद सिंह और उनके परिवार से जुड़ी हुई है। इसके अलावा, धनबाद में उनके ठिकाने पर छापेमारी के दौरान तीन महंगी गाड़ियां, 2.17 लाख रुपये की नकदी और चार लाख रुपये बैंक खाते में जमा पाए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
एनआरएचएम घोटाले का खुलासा
ईडी की जांच में सामने आया है कि प्रमोद सिंह और उनके सहयोगी स्वर्गीय शशि भूषण प्रसाद, जो कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी थे, ने सरकारी फंड का दुरुपयोग किया। दोनों ने मिलकर 9.39 करोड़ रुपये की सरकारी राशि का गबन किया था, जो झरिया और जोड़ापोखर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को आवंटित की गई थी।
प्रमोद सिंह का कोयला कारोबार में शामिल होना
घोटाला सामने आने के बाद प्रमोद कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद वह कोयला कारोबार से जुड़ गए थे। ईडी की जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि प्रमोद ने घोटाले से अर्जित राशि से अपनी पत्नी और अन्य सहयोगियों के नाम पर संपत्ति खरीदी।
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