रांची: झारखंड के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और पदाधिकारियों की पारदर्शी, निष्पक्ष और समयबद्ध नियुक्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने झारखंड राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (JSUSC) के गठन की मांग की है। इस संबंध में एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष अमन अहमद ने मुख्यमंत्री सचिवालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के विश्वविद्यालयों में वर्षों से शिक्षकों के कई पद रिक्त हैं, जिससे शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता और समानता नहीं होने के कारण योग्य छात्र-छात्राएं दर-दर भटक रहे हैं। अमन अहमद ने बताया कि जैसे अन्य राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि में विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्तियां होती हैं, वैसे ही झारखंड में भी एक केंद्रीकृत आयोग की आवश्यकता है।
भर्ती प्रक्रिया में आएगी पारदर्शिता
उन्होंने बताया कि आयोग के गठन से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और योग्य उम्मीदवारों को समय पर नौकरी मिलने से राज्य में बेरोजगारी भी कम होगी। साथ ही स्थानीय पीएचडी, नेट, जेआरएफ योग्य युवाओं को झारखंड में ही नौकरी मिल सकेगी। एनएसयूआई ने मांग की है कि इस आयोग के गठन की घोषणा शीघ्र की जाए ताकि विश्वविद्यालयों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति हो सके और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके। आयोग के गठन से झारखंड के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग, छात्र-शिक्षक अनुपात और अकादमिक अनुसंधान में भी उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद जताई गई है। एनएसयूआई ने सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की है, जिससे राज्य के शिक्षा क्षेत्र को मजबूती मिल सके।