- ऑपरेशन सिंदूर पर पीटीआई सांसद का तीखा हमला, शहबाज शरीफ की ‘बुजदिली’ पर उठाए सवाल
सेंट्रल डेस्क : भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान के भीतर सियासी भूचाल ला दिया है। पाकिस्तानी संसद में विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के एक सांसद ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तीखी आलोचना करते हुए उन्हें “गीदड़ और बुजदिल” तक कह डाला। सांसद ने न केवल शहबाज शरीफ की कमजोर प्रतिक्रिया पर सवाल उठाए, बल्कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निर्णायक नीतियों की भी खुलकर सराहना की, जिससे पाकिस्तानी संसद में सनसनी फैल गई।
सांसद का तीखा हमला : “अगर लीडर गीदड़ हो, तो शेर भी हार जाते हैं”
पाकिस्तानी संसद में बोलते हुए पीटीआई सांसद ने कहा, “हमारे कायद (नेता) का भारत के साथ बढ़ते तनाव पर एक भी बयान नहीं आया। मुझे टीपू सुल्तान की वह प्रसिद्ध उक्ति याद आ रही है – अगर लश्कर का सरदार शेर हो और सिपाही गीदड़ हों, तब भी जंग जीती जाती है। लेकिन अगर फौज शेर हो और लीडर गीदड़, तो वे जंग हार जाते हैं।”
सांसद ने आगे आरोप लगाया कि देश की शीर्ष नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से भयभीत है और उनका नाम लेने से भी कतराती है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब देश का नेता ही इतना कमजोर होगा, तो सीमा पर लड़ने वाले जवानों को क्या संदेश जाएगा? उन्होंने शहबाज शरीफ की चुप्पी को देश के मनोबल के लिए घातक बताया।
“मोदी ने जो कहा, वो करके दिखाया”
पीटीआई सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पष्ट और निर्णायक नीतियों की प्रशंसा करते हुए कहा, “मोदी ने कहा था कि पहलगाम हमले के दोषियों को उनकी कल्पना से भी परे सजा दी जाएगी। और आज, ऑपरेशन सिंदूर के जरिए 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया है।” उन्होंने मोदी के इस बयान को उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रभावी नेतृत्व का प्रमाण बताया।
पाकिस्तान पर भारत का प्रहार और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके और पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की नाकाम कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
भारत की इस जवाबी कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। अमेरिका, ईरान और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक संस्थानों ने दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव कम करने की अपील की है। हालांकि, पाकिस्तान के भीतर इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।
पीटीआई सांसद के इस तीखे हमले ने पाकिस्तानी संसद में एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि शहबाज शरीफ और उनकी सरकार इस पर किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं और इस राजनीतिक भूचाल का पाकिस्तान के आंतरिक और बाहरी संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार यह घटनाक्रम पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और भारत के साथ उसके तनावपूर्ण संबंधों को दर्शाता है। यह भी दिखाता है कि पाकिस्तान के भीतर मोदी के प्रति भय और उनकी नीतियों के प्रति सम्मान दोनों ही मौजूद हैं।