Islamabad: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच, पाकिस्तान ने एक बड़ा रणनीतिक कदम उठाते हुए अपने मौजूदा खुफिया प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक को नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया है। यह पहली बार है जब कोई मौजूदा आईएसआई (ISI) प्रमुख एक साथ दो महत्वपूर्ण पदों का कार्यभार संभालेगा।
कैबिनेट डिवीजन की अधिसूचना
कैबिनेट डिवीजन द्वारा मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया, “लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक HI (M), DG (I), तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का अतिरिक्त कार्यभार संभालेंगे।” इस नियुक्ति ने पाकिस्तान की सुरक्षा और विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाया है।
असीम मलिक को क्यों सौंपी गई NSA की जिम्मेदारी?
लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक को अक्टूबर 2024 में आईएसआई प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनके एनएसए बनने के साथ ही वह पाकिस्तान के दसवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बन गए हैं। यह पद पिछले दो वर्षों से खाली था। इससे पहले, डॉ. मोईद यूसुफ ने अप्रैल 2022 में इस पद से इस्तीफा दिया था, जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार सत्ता से बाहर हुई थी।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने यह कदम भारत के सख्त रुख को देखते हुए उठाया है। भारत द्वारा पहलगाम हमले के बाद संभावित कड़ी प्रतिक्रिया को लेकर पाकिस्तान दबाव में है और उसने सुरक्षा मोर्चे को मजबूत करने के लिए यह रणनीतिक निर्णय लिया है।
LOC पर लगातार सीजफायर उल्लंघन
इस बीच, पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। भारतीय सेना के अनुसार, 30 अप्रैल और 1 मई की रात को कुपवाड़ा, उड़ी और अखनूर सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने अकारण छोटे हथियारों से गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने त्वरित और प्रभावी जवाब दिया।
भारतीय सेना के मुताबिक, यह पाकिस्तान की ओर से 25-26 अप्रैल की रात से शुरू हुए लगातार सातवें दिन का सीजफायर उल्लंघन है। इससे पहले भी नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी का भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया था।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया का डर
जानकारों का मानना है कि भारत के दृढ़ और आक्रामक रुख से पाकिस्तान अंदरूनी दबाव में है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने कड़ा संदेश दिया है कि वह किसी भी आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान की मौजूदा रणनीति को भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई से जोड़कर देखा जा रहा है।
लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपना पाकिस्तान की एक बड़ी रणनीतिक चाल मानी जा रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान आने वाले दिनों में सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में अपनी रणनीति को सैन्य नेतृत्व के अंतर्गत और अधिक केंद्रीकृत कर सकता है। भारत-पाक संबंधों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह आने वाले समय में देखने वाली बात होगी।