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पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त हुए सीनेटर अनवार-उल-हक काकड़, जानें कौन हैं काकड़? सेना से क्या है इनका रिश्ता?

by Rakesh Pandey
पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़,  52 साल के हैं कार्यवाहक प्रधानमंत्री, आज लेंगे शपथ राष्ट्रपति ने भी नाम पर लगायी मुहर नौ अगस्त को भंग हुई थी नेशनल असेंबली विरासत में मिला बदहाल पाकिस्तान
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इस्लामाबाद/ पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़ : पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से सीनेट सदस्य अनवार-उल-हक काकड़ को आर्थिक संकट से जूझ रहे देश में आगामी आम चुनाव तक देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़,  52 साल के हैं कार्यवाहक प्रधानमंत्री, आज लेंगे शपथ राष्ट्रपति ने भी नाम पर लगायी मुहर नौ अगस्त को भंग हुई थी नेशनल असेंबली विरासत में मिला बदहाल पाकिस्तान

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़ नियुक्त

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के मुताबिक, निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भंग की जा चुकी नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद के बीच विचार-विमर्श के बाद काकड़ के नाम पर सहमति बनी है। प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता ने संयुक्त रूप से काकड़ को नियुक्त करने की सलाह पर हस्ताक्षर किये और उसे राष्ट्रपति को भेज दिया।

 52 साल के हैं कार्यवाहक प्रधानमंत्री, आज लेंगे शपथ

नए कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़ काकड़ 52 हैं और बलूचिस्तान प्रांत के एक पश्तून हैं। बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सदस्य भी हैं। यह पार्टी देश के शक्तिशाली प्रतिष्ठान (सेना) के करीब मानी जाती है। काकड़ के आज कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने की उम्मीद है।

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़,  52 साल के हैं कार्यवाहक प्रधानमंत्री, आज लेंगे शपथ राष्ट्रपति ने भी नाम पर लगायी मुहर नौ अगस्त को भंग हुई थी नेशनल असेंबली विरासत में मिला बदहाल पाकिस्तान

अल्लाह का जताया शुक्रिया

अपनी प्रथम प्रतिक्रिया में, काकड़ ने ट्वीट कर कहा कि अल्लाह का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्र की सेवा करने का मुझे अवसर दिया। इंशाअल्ला अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा, जो पाकिस्तान के हित में होगा।

राष्ट्रपति ने भी नाम पर लगायी मुहर

मीडिया से बात करते हुए विपक्ष के नेता रियाज ने कहा कि हमने फैसला किया है कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री एक छोटे प्रांत से होंगे। उन्होंने कहा कि काकड़ के नाम का सुझाव उन्होंने ही दिया, जिसे मंजूर कर लिया गया है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संविधान के अनुच्छेद 224 (1ए) के तहत कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर काकड़ की नियुक्ति की मंजूरी दे दी है। शहबाज ने परामर्श प्रक्रिया के दौरान सहयोग और पिछले 16 महीने के दौरान विपक्ष का शानदार नेतृत्व करने के लिए रियाज का शुक्रिया अदा किया है।

नौ अगस्त को भंग हुई थी नेशनल असेंबली

पूर्व सूचना मंत्री मरयम औरंगजेब ने भी पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के बीच चर्चा के दौरान काकड़ का नाम आम सहमति वाले उम्मीदवार के रूप में उभरा। नेशनल असेंबली नौ अगस्त को भंग किये जाने के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए शहबाज शरीफ और विपक्षी दलों के बीच बैठकों का दौर शुरू हुआ था।

कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने की क्या है प्रक्रिया?

पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 (1ए) के प्रावधान के तहत, राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और निवर्तमान नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता के साथ परामर्श कर कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त करते हैं। काकड़ पहली बार, 2018 में सीनेट पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन के लिए चुने गये और वह एक बहुत सक्रिय राजनेता रहे हैं। वह उच्च सदन में आने से पहले बलूचिस्तान प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता भी रह चुके हैं।

और जानें, इस कार्यवाहक प्रधानमंत्री के बारे में

अनवार-उल-हक काकड़ का जन्म 1971 में बलूचिस्तान के किला सैफुल्ला जिले में मुस्लिम बाग इलाके में हुआ था। उन्होंने राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है। बलूचिस्तान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं।

कार्यवाहक पीएम की क्यों पड़ी जरूरत?

अंतरिम सरकार नियुक्त करना एक संवैधानिक जरूरत है और निवर्तमान प्रधानमंत्री नेशनल असेंबली भंग होने के तीन दिनों के अंदर विपक्ष के नेता के साथ परामर्श कर अपना उत्तराधिकारी चुनने के लिए आबद्ध हैं। देश में आम चुनाव 90 दिनों के भीतर होने की उम्मीद है, लेकिन अगर निर्वाचन आयोग नई जनगणना के आधार पर परिसीमन करता है तो इसमें अधिक समय लग सकता है। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) गठबंधन के घटक दलों ने सत्ता हस्तांतरण के दौरान उन आर्थिक नीतियों और परियोजनाओं को जारी रखने की जरूरत पर जोर दिया है, जिन्हें शहबाज ने आर्थिक स्थिरता लाने के लिए शुरू किया था।

विरासत में मिला बदहाल पाकिस्तान

काकड़ ऐसे समय में कार्यवाहक प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे, जब पाकिस्तान 1947 में अपनी आजादी के बाद से सर्वाधिक भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। वित्तीय कुप्रबंधन और राजनीतिक अनिश्चितता का पहले से सामना कर रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को वैश्विक ऊर्जासंकट और पिछले साल आये विनाशकारी बाढ़ ने ध्वस्त होने के कगार पर पहुंचा दिया है। काकड़ को अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा निर्धारित कड़ी शर्तें लागू करनी होंगी।

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