Palamu (Jharkhand) : जिले के तरहसी प्रखंड स्थित गुरहा में स्थापित ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ इन दिनों सफेद हाथी साबित हो रहा है। ग्रामीणों की शिकायत है कि इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्र पर हमेशा ताला लटका रहता है, जिससे स्थानीय लोगों को छोटे-मोटे इलाज के लिए भी निजी अस्पतालों या प्रखंड मुख्यालय पर निर्भर रहना पड़ता है। इस स्थिति के लिए पदस्थापित एएनएम की घोर लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिस पर अब सवाल उठने लगे हैं।
ड्यूटी से गायब रहती हैं ANM, मुखिया से बदसलूकी
स्थानीय लोगों का कहना है कि गुरहा आयुष्मान आरोग्य मंदिर में पदस्थापित दो एएनएम, वीणा कुमारी और सरस्वती कुमारी, अपनी ड्यूटी से नियमित रूप से गायब रहती हैं। मंगलवार को भी स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका हुआ था और दोनों एएनएम अनुपस्थित थीं। गुरहा की मुखिया सबा फिरदौस और उनके पति ने जब आम नागरिक बनकर एएनएम सरस्वती कुमारी से इस संबंध में पूछताछ की, तो वह भड़क गईं। उन्होंने मुखिया और उनके पति को भला-बुरा कहना शुरू कर दिया और यह तक पूछ डाला कि वे कौन होते हैं यह जानने वाले कि वह स्वास्थ्य केंद्र पर उपस्थित हैं या नहीं।
15 दिन पहले एएनएम ने किया योगदान, अब तक समिति को नहीं दी जानकारी
नियमों के अनुसार, स्वास्थ्य केंद्र को प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहना चाहिए, ताकि स्थानीय लोगों को प्राथमिक उपचार और अन्य सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। मुखिया सबा फिरदौस ने बताया कि पंचायत स्तर पर वह प्राधिकार समिति की अध्यक्ष हैं, लेकिन 15 दिन पहले योगदान देने वाली एएनएम सरस्वती कुमारी ने अब तक उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उनके पंचायत क्षेत्र में बड़ी आबादी रहती है और उन्हें छोटे-मोटे इलाज के साथ-साथ अन्य सरकारी कार्यों के लिए भी स्वास्थ्य केंद्र की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन ताला लटका रहने से उन्हें हमेशा निराशा ही हाथ लगती है।
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि स्वास्थ्य केंद्र केवल टीकाकरण के दिन ही खुलता है। उस दिन भी एएनएम टीकाकरण बॉक्स लेकर निकल जाती हैं और उसके तुरंत बाद केंद्र में फिर से ताला लगा दिया जाता है, जिससे उन्हें केंद्र का कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलता।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई की तैयारी
दूसरी ओर, इस पूरे मामले पर जब एएनएम वीणा कुमारी से बात की गई, तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि सोमवार को उनका उपवास था, जिस कारण वह स्वास्थ्य केंद्र नहीं आ पाई थीं।हालांकि, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तरहसी-मनातू के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. डीके सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि दोनों एएनएम से स्पष्टीकरण (शोकॉज) मांगा जाएगा। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो उनका वेतन रोका जाएगा। डॉ. सिंह ने स्वीकार किया कि उन्हें दोनों एएनएम की लापरवाही की लगातार शिकायतें मिल रही हैं और जहां भी इनकी ड्यूटी लगाई जाती है, वहां से अनुपस्थिति की खबरें आती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी उपस्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
इस स्थिति ने ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ जैसी महत्वपूर्ण योजना के उद्देश्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना है। अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से ग्रामीणों को कब तक राहत मिल पाती है।
Also Read : झुंड से बिछड़ा जंगली हाथी सरायकेला के एक गांव में घुसा, वन विभाग की लापरवाही से ग्रामीण नाराज