Palamu (Jharkhand) : झारखंड के पलामू जिले में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसने सबको चौंका दिया है। इस बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त विश्वजीत महतो ने किया। उन्होंने कचहरी स्थित ‘भारत फोटो स्टेट एंड ऑनलाइन सेंटर’ पर छापेमारी की, जहां से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, मैरेज सर्टिफिकेट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और दाखिल-खारिज दस्तावेज बड़ी संख्या में बरामद किए गए।
2012 के सर्टिफिकेट पर 2018 बैच की IAS अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर!
इस रैकेट का सबसे चौंकाने वाला तथ्य तब सामने आया, जब जांच में पता चला कि सेंटर द्वारा 2012 में एक ऐसा जन्म प्रमाण पत्र जारी किया गया था, जिस पर वर्तमान उपायुक्त समीरा एस के हस्ताक्षर थे। यह बात इसलिए भी हैरान करने वाली है, क्योंकि समीरा एस 2018 बैच की IAS अधिकारी हैं, यानी 2012 में वे इस पद पर थीं ही नहीं। इस बात से स्पष्ट हो गया कि बरामद दस्तावेज पूरी तरह फर्जी और मनगढ़ंत थे, जिन्हें जालसाजी करके बनाया गया था।
छापेमारी के दौरान दुकान संचालक परवेज इकबाल को मौके से ही हिरासत में ले लिया गया, जबकि उसका पुत्र फराहान इकबाल और कंप्यूटर ऑपरेटर मौके से फरार होने में कामयाब रहे। पुलिस और प्रशासन की टीम ने दुकान को सील कर दिया है और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज व सबूत दुकान के अंदर ही सुरक्षित रखे गए हैं।
रामगढ़ जिले तक फैला था फर्जीवाड़े का नेटवर्क
जांच में यह भी सामने आया कि इस फर्जीवाड़े के रैकेट का नेटवर्क केवल पलामू तक ही सीमित नहीं था। सेंटर द्वारा रामगढ़ जिले के सदर अस्पताल का भी फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार किया गया था। यह दर्शाता है कि यह रैकेट अन्य जिलों तक भी फैला हुआ हो सकता है और इसके तार कई जगहों से जुड़े हो सकते हैं।
सहायक नगर आयुक्त महतो ने बताया कि उन्हें इस संबंध में गुप्त सूचना मिली थी। सूचना की पुष्टि के लिए गहन छानबीन की गई और जब पुख्ता प्रमाण मिले, तो तुरंत छापेमारी कर यह बड़ी कार्रवाई की गई। इस गंभीर मामले की जांच अब पुलिस और जिला प्रशासन की निगरानी में चल रही है, ताकि इस पूरे फर्जीवाड़े के नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके और इसमें शामिल सभी दोषियों को पकड़ा जा सके।
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