पलामू : झारखंड के पलामू जिले में हो रही लगातार बारिश के बाद नगर निगम क्षेत्र में जलजमाव ने प्रशासनिक दावों की पोल खोलकर रख दी है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि खुद पलामू के सांसद वीडी राम का सरकारी आवास तक पानी में डूब गया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि नगर विकास योजनाएं सिर्फ कागजों में सीमित रह गई हैं। रेड़मा, चैनपुर, समदा अहरा, झरना टोला और भगवती अस्पताल जैसे कई इलाके जलमग्न हैं।
यहां लोगों के घरों में घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता रूचिर तिवारी ने इस स्थिति को “विकास का झूठा चेहरा” बताया है। उन्होंने पूर्व मेयर, विधायक और सांसदों पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि निगम क्षेत्र में जल निकासी को लेकर कोई गंभीर योजना नहीं बनाई गई। केवल दिखावे के लिए तालाबों की खुदाई और सौंदर्यीकरण किया गया, लेकिन असल जरूरतों की अनदेखी हुई।रूचिर तिवारी ने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधियों ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर विकास के नाम पर लूट मचाई।
प्राकृतिक जल निकासी मार्गों को अतिक्रमण कर पक्के मकान बना दिए गए और नगर निगम ने भी इसमें आंखें मूंदे रखीं। गुरुसूती, टेड़वा नदी और पनेरी बांध जैसे क्षेत्रों में जल संरक्षण क्षेत्र तक कब्जा कर लिया गया।भाजपा नेत्री और पूर्व मेयर अरुणा शंकर पर बड़ा तालाब की जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया गया, जिससे पानी का बहाव रुक गया। हालांकि मछुआरों के विरोध के बाद इस पर रोक लगाई गई। वहीं चैनपुर में तालाबों को पाटकर वहां निर्माण कार्य कर दिया गया, जिससे अब बरसात में पानी का कोई रास्ता ही नहीं बचा।
इस भयावह स्थिति को लेकर विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही प्रभावी जल निकासी व्यवस्था नहीं बनाई गई और अवैध अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। सरकार, प्रशासन और सभी राजनीतिक दलों को अब इस संकट को गंभीरता से लेकर ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि पलामू को भविष्य में जलजमाव की त्रासदी से बचाया जा सके।
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