

Palamu/Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड के पलामू जिले में सतबरवा प्रखंड के बोहिता स्थित झाड़ियों में मिले शव की पहचान कर ली गई है। मृतक जमशेदपुर जिला पुलिस के हवलदार विजय उरांव (37) थे, जिनकी हत्या कर शव को यहां फेंक दिया गया था। घटना के तीन दिन बाद उनके शव की पहचान मेदिनीनगर सदर थाना क्षेत्र के चियांकी पुराना टोला निवासी के रूप में की गई। रांची रिम्स में शव का पोस्टमार्टम किया गया है।

जल्द गिरफ्तारी व कारणों का खुलासा करने का दावा
शनिवार को लेस्लीगंज के थाना प्रभारी उत्तम कुमार राय ने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद परिजनों के बयान के आधार पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी और जांच पूरी कर हत्या के कारणों का खुलासा करने का का दावा किया।

पहचान मिटाने के लिए कुचला गया था चेहरा
गौरतलब है कि पिछले बुधवार को सतबरवा के बोहिता तीन मुहान के पास एक सुनसान झाड़ी में विजय उरांव का शव मिला था। अपराधियों ने उनकी पहचान छिपाने के लिए चेहरे को पत्थर से कुचल दिया था। घटनास्थल से खून से सना एक पत्थर भी बरामद किया गया था। पुलिस को मौके से पांच डिस्पोजल ग्लास, एक लीटर की तीन प्लास्टिक की बोतलें, एक काला प्लास्टिक बैग, एक मेमोरी कार्ड और चप्पल भी मिले थे, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि घटनास्थल पर कुछ और लोग भी मौजूद थे।

छुट्टी लेकर घर गए थे हवलदार विजय उरांव
मृतक विजय उरांव पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी सीटीसी पुलिस कैंप में हवलदार के पद पर तैनात थे। उनके पिता, दिवंगत कुलदीप उरांव भी पुलिस में थे, और उनकी मृत्यु के बाद विजय को अनुकंपा पर यह नौकरी मिली थी। सहकर्मियों ने बताया कि वे सावन में देवघर से ड्यूटी कर लौटे थे और छुट्टी लेकर अपने घर आए थे।
चार किलोमीटर दूर सुनसान जगह कैसे पहुंचे
लेस्लीगंज पुलिस सदर मेदिनीनगर की प्रमुख बसंती देवी ने बताया कि अखबार में छपी खबर के बाद जब वे मृतक के घर सूचना देने गईं, तो उनकी पत्नी घर पर नहीं थीं, और मां कुछ बता नहीं पाईं। सामाजिक कार्यकर्ता उमेश उरांव ने बताया कि विजय बुधवार को घर से निकले थे। यह जांच का विषय है कि वे सतबरवा से चार किलोमीटर दूर इस सुनसान जगह पर कैसे पहुंचे।
