धनबाद: जिले के निरसा थाना क्षेत्र अंतर्गत शिवलीबाड़ी मुखिया मोहल्ला में एक गंभीर प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है। पंचायत सचिव विनय किशोर पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने और वास्तविक मामलों में टालमटोल करने का आरोप लगा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एग्यारकुंड प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) मधु कुमारी ने मौके पर पहुंचकर जांच की और संबंधित पंचायत सचिव को कड़ी फटकार लगाई।
क्या है पूरा मामला?
नंदकिशोर सिंह की मृत्यु विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) में कार्य के दौरान हुई थी, लेकिन पंचायत सचिव ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र स्थानीय स्तर पर, फर्जी तरीके से जारी कर दिया। वहीं, 2011 में मृत हुए काली साव का प्रमाण पत्र अब तक जारी नहीं किया गया, जबकि परिजन पांच महीने से लगातार आवेदन दे रहे थे।
शिकायतकर्ता का आरोप
शिकायतकर्ता सुबोध साव ने बताया कि वह पांच महीने से दादा काली साव का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन दे रहे हैं। उन्होंने तीन बार आवेदन में संशोधन भी किया। पंचायत सचिव ने 5000 रुपये की रिश्वत मांगी। आसपास के लोगों से सफेद कागज पर हस्ताक्षर लिए गए और बाद में लिखा गया कि मृत्यु यहां नहीं हुई।
BDO की कार्रवाई
बीडीओ मधु कुमारी ने मौके पर मौजूद मुखिया मलका मेहर निगार, वार्ड सदस्य और आंगनबाड़ी सेविका के साथ स्थानीय लोगों से बातचीत की। स्थानीय लोगों ने पुष्टि की कि काली साव की मृत्यु मुखिया मोहल्ला में ही हुई थी। वहीं, नंदकिशोर सिंह की मृत्यु विजयवाड़ा में होने की बात भी जांच में सामने आई। बीडीओ ने पंचायत सचिव को “कारण बताओ नोटिस” (Show Cause Notice) जारी करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि शिकायत सत्य पाई गई है और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासनिक निष्कर्ष और अगली कार्रवाई
बीडीओ मधु कुमारी ने साफ तौर पर कहा कि जांच में पंचायत सचिव द्वारा की गई गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। संबंधित अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा और रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।