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‘OMG 2’ फेम अमित राय के निर्देशन में पंकज त्रिपाठी ने शुरू की बिहार में फिल्म की शूटिंग

फिल्म में पंकज त्रिपाठी के साथ पवन मल्होत्रा, राजेश कुमार और कई स्थानीय कलाकार भी नजर आएंगे। यह प्रयास स्थानीय फिल्म उद्योग को भी मंच देने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क। अभिनेता पंकज त्रिपाठी, जो अपनी गंभीर और यथार्थवादी अभिनय शैली के लिए जाने जाते हैं, ने अपने गृह राज्य बिहार में पहली बार किसी फिल्म की शूटिंग शुरू की है। यह फिल्म एक सामाजिक मुद्दे पर आधारित ड्रामा है, जिसका निर्देशन ‘ओएमजी 2’ फेम अमित राय कर रहे हैं।

यह प्रोजेक्ट न केवल एक अभिनेता के रूप में पंकज त्रिपाठी के लिए अहम है, बल्कि एक बिहारी के रूप में उनके व्यक्तिगत सफर का भी महत्वपूर्ण पड़ाव है। अमित राय और पंकज त्रिपाठी दोनों ही बिहार से ताल्लुक रखते हैं, इस फिल्म के ज़रिए अपनी जड़ों से एक गहरा जुड़ाव साझा कर रहे हैं।

बिहार में फिल्म शूटिंग: 35 दिनों का शेड्यूल, असली लोकेशनों पर हो रही है शूटिंग
यह फिल्म बिहार के अलग-अलग हिस्सों में 35 दिनों के शेड्यूल में शूट की जा रही है। शूटिंग के लिए वास्तविक लोकेशनों का चयन किया गया है, जिससे फिल्म को एक प्रामाणिक और यथार्थवादी माहौल मिल रहा है।

फिल्म में पंकज त्रिपाठी के साथ पवन मल्होत्रा, राजेश कुमार और कई स्थानीय कलाकार भी नजर आएंगे। यह प्रयास स्थानीय फिल्म उद्योग को भी मंच देने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

20 साल के करियर के बाद पहली बार बिहार में शूटिंग
पंकज त्रिपाठी ने इस अनुभव को लेकर कहा, “यह पल मेरे लिए शब्दों में बयां करना मुश्किल है। मैंने अपने अभिनय की शुरुआत बिहार के एक छोटे से गांव की धूल भरी गलियों में नुक्कड़ नाटक और रंगमंच से की थी। कभी सोचा नहीं था कि एक दिन फिल्म क्रू के साथ यहीं लौटूंगा।” उन्होंने आगे कहा, “यह मेरी पहली फिल्म है जिसकी शूटिंग मैं अपने गृह राज्य बिहार में कर रहा हूं, और यह मेरे लिए एक तरह की आत्मिक पूर्णता जैसा एहसास है। हिंदी फिल्मों की शूटिंग बिहार में शायद ही होती है, पिछली बार मैंने मनोज बाजपेयी की ‘शूल’ को 2003 में देखा था। इसलिए यह अनुभव मेरे लिए बहुत खास है।”

बिहार की संस्कृति और सामाजिक मुद्दों पर आधारित कहानी
यह अवधारणा-प्रधान सामाजिक ड्रामा फिल्म बिहार की संस्कृति, बोलचाल और समाजिक लय को केंद्र में रखती है। पंकज त्रिपाठी ने कहा कि अमित राय के साथ काम करने का अनुभव इसलिए भी विशेष है क्योंकि वे भी बिहार से आते हैं और दोनों ही इस क्षेत्र की नब्ज को गहराई से समझते हैं।
फिल्म की कहानी को स्थानीय संदर्भों और सांस्कृतिक तत्वों के साथ बुना गया है। इसका उद्देश्य सिर्फ एक कहानी सुनाना नहीं बल्कि उस भूमि को सम्मान देना है जिसने इन कलाकारों को आकार दिया।

हिंदी फिल्मों की शूटिंग में बिहार की भूमिका
बिहार को लंबे समय से हिंदी सिनेमा में एक अहम पृष्ठभूमि के रूप में देखा गया है, लेकिन यहां शूटिंग कम ही होती है। ‘शूल’ के बाद अब यह पहली बार है कि एक बड़ी हिंदी फिल्म का पूरा शेड्यूल बिहार में हो रहा है।

इस पहल से उम्मीद है कि बिहार में फिल्म निर्माण को नई दिशा और पहचान मिलेगी और स्थानीय प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर मंच मिलेगा।

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