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महाकुंभ मेले में कश्मीर और बांग्लादेशी हिंदुओं पर हुए अत्याचारों पर लगी चित्र प्रदर्शनी

by Birendra Ojha
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प्रयागराज : पूरे महाकुंभ मेले में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान के लिए एकत्र होंगे, लेकिन हमें बांग्लादेश और कश्मीरी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और अन्याय को नहीं भूलना चाहिए। बांग्लादेश में आज हमारे मंदिर और मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं। इस समस्या का समाधान करना है तो बांग्लादेश, भारत और विदेशों के सभी हिंदुओं को एकजुट होना होगा। तभी इसका हल निकाला जा सकेगा। इस उद्देश्य से हिंदू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित कश्मीर और बांग्लादेश के हिंदुओं पर हुए अत्याचारों से संबंधित चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है। श्रद्धालुओं को अवश्य देखनी चाहिए, ऐसा आह्वान इस्कॉन के वृंदावन धाम स्थित श्री चंद्रोदय मंदिर के स्वामी कंजलोचन कृष्णदास ने किया।

वे महाकुंभ मेले में हिंदू जनजागृति समिति द्वारा सेक्टर 6, कैलाशपुरी, भारद्वाज मार्ग पर कश्मीर और बांग्लादेश के हिंदुओं पर कट्टरपंथियों और आतंकवादियों द्वारा किए गए अत्याचारों से संबंधित चित्र प्रदर्शनी और ग्रंथ प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर स्वामी कंजलोचन कृष्णदास, हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे और समिति के उत्तर-पूर्व भारत के मार्गदर्शक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ के हाथों प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इस दौरान इस्कॉन के स्वामी राधामोहन दास और समिति के उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य समन्वयक विश्वनाथ कुलकर्णी भी उपस्थित रहे।

स्वामी कंजलोचन कृष्णदास ने आगे कहा कि कश्मीर और बांग्लादेश में हिंदुओं पर क्या हो रहा है। अन्य राज्यों में हिंदुओं की क्या स्थिति है। इसकी महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रदर्शनी के माध्यम से मिलती है। कुंभ मेले में आए सभी श्रद्धालुओं को यह प्रदर्शनी अवश्य देखनी चाहिए। साथ ही, ‘सनातन धर्म क्या है?’ इसकी संपूर्ण जानकारी भी इस प्रदर्शनी से सरलता से प्राप्त की जा सकती है।

19 जनवरी 1990 को आतंकवाद के कारण कश्मीरी हिंदुओं को कश्मीर से विस्थापित हुए 34 वर्ष हो चुके हैं। लेकिन सरकार, न्यायपालिका और संसद होते हुए भी विस्थापित हिंदुओं का कश्मीर में पुनर्वास न होना लोकतंत्र की विफलता है। इस प्रदर्शनी में कश्मीर और बांग्लादेश में हुए हिंदुओं के नरसंहार, साधु-संतों की हत्याओं के षड्यंत्र, लव जिहाद, धर्मांतरण की समस्या और उसके समाधान, गो-रक्षा, मंदिर संरक्षण, दंगों के दौरान हिंदुओं की सुरक्षा, देवताओं का सम्मान जैसे धर्मरक्षा कक्षों का आयोजन किया गया है।

इसके साथ ही राष्ट्रजागृति कक्ष में जिहादी आतंकवाद, राष्ट्रद्रोही हलाल जिहाद, राष्ट्र की प्रतिष्ठा का सम्मान, स्वदेशी अस्मिता का संवर्धन और सुराज्य अभियान जैसी विषयों पर सूचनात्मक फलक प्रदर्शित किए गए हैं। हिंदू राष्ट्र के संबंध में उठने वाले आपत्तियों और उनके खंडन, संतों व धर्मप्रचारकों के मार्गदर्शन, शंका समाधान, और हिंदुओं को धर्माचरण करने के लिए प्रेरित करने वाले कक्ष भी प्रदर्शनी में होंगे, ऐसा समिति के विश्वनाथ कुलकर्णी ने बताया।

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