सेंट्रल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों कैरिबियाई देश गुआना की यात्रा पर है। भारत चाहता है कि कैरिबियाई देशों के साथ उसके संबंध अच्छे हो। इस दौरान पीएम मोदी ने गुआना की संसद को भी संबोधित किया। आगे पीएम ने कहा कि आज भारत ग्लोबल साउथ क्षेत्रों की आवाज बनकर सामने आया है। लेकिन भारत कभी विस्तारवादी मानसिकता से काम नहीं करता। लोकतंत्र भारत के डीएनए और विजन में है।
21 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने गुआना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत कभी विस्तारवादी मानसिकता से आगे नहीं बढ़ा है। लोकतंत्र भारत के डीएनए और विजन में है। इस दौरान पीएम ने भारत और गुआना के साझा संघर्षों को याद करते हुए गुआना की ओर से लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा
भारत हमेशा से दूसरों के संसाधनों पर कब्जा करने या हड़पने की भावना से दूर रहा है। फिलहाल समय विवाद पैदा करने का नहीं है, बल्कि सबको साथ लेकर चलना है और विकास में सहभागी बनना है। भारत हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में है। इसी भावना के कारण आज भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बन गया है। भारत का मानना है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ बर्दाश्त किया है। अतीत में हमने अपनी प्रकृति और संस्कृति के मुताबिक प्रकृति की रक्षा करते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की कीमत पर विकास किया। जिसकी सबसे बड़ी कीमत ग्लोबल साउथ के देश चुका रहे हैं। दुनिया को इस असंतुलन से बाहर निकालना बहुत जरूरी है।
डेमोक्रेसी फर्स्ट की भावना हमें सबको साथ लेकर चलने और सबके विकास में भागीदार बनने की शिक्षा देती है। ह्यूमैनिटी फर्स्ट की भावना हमारे फैसलों की दिशा तय करती है। जब हम ह्यूमैनिटी फर्स्ट को अपने फैसलों का आधार बनाते हैं तो नतीजे भी मानवता के हित में होते हैं।
पीएम मोदी ने गुआना के क्रिकेट प्लेयर्स से भी मुलाकात की
भारतीय प्रधानमंत्री ने इस दौरान गुआना के क्रिकेट प्लेयर्स से भी मुलाकात की और इस मुलाकात की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की। उन्होंने बताया कि इस खेल ने दोनों देशों को करीब लाया है और दोनों देशो के सांस्कृतिक संबंधो को गहरा किया है।
पीएम ने गांधी के उपदेशों को किया याद
इस दौरान पीएम मोदी ने महात्मा गांधी को पुष्प अर्पित की और गांधी के उपदेशों को याद किया। पीएम ने गुआना में आर्य समाज आंदोलन के शताब्दी वर्ष के अवसर पर 2011 में अनावरित किए गए आर्य समाज स्मारक पर भी पुष्पांजलि अर्पित की।