रांची : आदिवासी बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों जैसी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में एकलव्य विद्यालयों की स्थापना की है। इसी क्रम में झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में बहरागोड़ा और पोतका में एकलव्य विद्यालयों का निर्माण हुआ। हालांकि, हैरान करने वाली बात यह है कि इन दोनों विद्यालयों में से किसी में भी अभी तक दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।

पोतका में पीएम मोदी द्वारा उद्घाटित एकलव्य विद्यालय
पोतका में 17 करोड़ की लागत से बने आवासीय एकलव्य विद्यालय का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2024 में किया था। तब यह घोषणा की गई थी कि विद्यालय में इसी साल से दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी, और नवंबर में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। लेकिन साल का अंत आ गया, और ना तो प्रवेश परीक्षा हुई और ना ही दाखिले की प्रक्रिया की कोई तारीख घोषित हो पाई।
बहरागोड़ा एकलव्य विद्यालय की निराशाजनक स्थिति
बहरागोड़ा एकलव्य विद्यालय का उद्घाटन आज से पांच साल पहले हुआ था, लेकिन यहां अब तक किसी भी छात्र का दाखिला नहीं हो सका। 2022 में यहां प्रवेश परीक्षा भी आयोजित की गई थी, लेकिन इसका न तो परिणाम घोषित किया गया और न ही किसी छात्र का नामांकन हुआ। आज भी यह विद्यालय बंद पड़ी इमारत के रूप में खड़ा है। यहां के स्थानीय निवासी बताते हैं कि बच्चों को दाखिले के लिए गुड़ाबांदा या अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है, जबकि यह आलीशान विद्यालय पूरी तरह से खाली पड़ा है।
शैक्षिक सामग्री और शिक्षक नियुक्ति की कमी
बहरागोड़ा और पोतका के एकलव्य विद्यालयों में दाखिला न होने की मुख्य वजह शिक्षकों की कमी और शैक्षिक सामग्री की खरीदी न होना है। बहरागोड़ा में प्रिंसिपल सहित कुल 6 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, लेकिन यहां भी शैक्षिक सामग्री की खरीद नहीं हो पाई है। पोतका में केवल प्रिंसिपल की नियुक्ति हो पाई है।
भविष्य की योजना
पूर्वी सिंहभूम जिले में कुल तीन एकलव्य विद्यालय बनाए जा रहे हैं, जिनमें से बहरागोड़ा और पोतका का निर्माण हो चुका है, जबकि बोडाम में निर्माण जारी है। बहरागोड़ा और पोतका में 120 बेड वाले छात्रावास पहले चरण में तैयार किए गए हैं, जबकि दूसरे चरण में 240 बेड वाले छात्रावास का निर्माण किया जाएगा।
Read Also- डीजल चोरी करने वाले इंटर स्टेट गिरोह के सात अपराधी गिरफ्तार, संरक्षण देने वाले को तलाश रही पुलिस