पटना : बिहार के दरभंगा में बनने वाले नए एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) को लेकर एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 13 नवंबर को दरभंगा में इस बहुप्रतीक्षित एम्स की आधारशिला रखने जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के लिए सियासी हलचल अब तेज हो गई है, क्योंकि यह परियोजना बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।
दरभंगा एम्स के शिलान्यास और भूमिपूजन कार्यक्रम को लेकर राज्य में जदयू (जनता दल यूनाइटेड) के नेताओं द्वारा व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारणी अध्यक्ष संजय झा और मंत्री मदन सहनी समेत अन्य नेता इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए क्षेत्र में लोगों से संपर्क कर रहे हैं। वे लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस कार्यक्रम में शामिल हों, ताकि यह आयोजन ऐतिहासिक बन सके।
मिथिला और सीमांचल के लिए गेम चेंजर
संजय झा ने इस मौके पर कहा कि दरभंगा में एम्स का निर्माण बिहार के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को यह तोहफा दिया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शिता के कारण ही दरभंगा में एम्स का निर्माण संभव हो सका। यह न सिर्फ मिथिलांचल और सीमांचल के लोगों के लिए, बल्कि नेपाल के तराई क्षेत्र के निवासियों के लिए भी एक बड़ी सौगात साबित होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि दरभंगा में बनने वाला एम्स स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगा। इस परियोजना को लेकर जानकारी दी गई है कि दिल्ली आईआईटी (Indian Institute of Technology) इस एम्स के डिज़ाइन पर काम कर रहा है और यह एम्स पिलर पर आधारित होगा। इसके निर्माण में लगभग ढाई से तीन साल का समय लगेगा, और 2027 तक यह एम्स पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
संजय झा ने यह भी उल्लेख किया कि दरभंगा एम्स का शिलान्यास लगभग 2015 में हुआ था, लेकिन निर्माण में कुछ विलंब हुआ। हालांकि, उन्होंने यह कहा कि ‘देर आए दुरुस्त आए’, यानी कि यह परियोजना अब पूरी तरह से कार्यान्वित हो रही है, और इसके पूरे होने पर मिथिला क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
पीएम मोदी और नीतीश कुमार का संयुक्त प्रयास
मंत्री मदन सहनी ने भी इस अवसर पर अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों मिलकर दरभंगा एम्स के शिलान्यास के कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने मिथिला को यह बड़ी सौगात दी है और हम चाहते हैं कि लोग इस अवसर को ऐतिहासिक बनाने में पीछे न रहें।
सियासी नजरें : 2025 में चुनावी फायदा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दरभंगा में एम्स का निर्माण 2025 के विधानसभा चुनावों में एनडीए के लिए एक महत्वपूर्ण खेल बदलने वाला साबित हो सकता है। मिथिलांचल क्षेत्र में कुल लोकसभा की एक दर्जन सीटें हैं और इन सीटों पर एनडीए का प्रभाव मजबूत है। दरभंगा जिले की 10 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के पास 6 और जदयू के पास 3 सीटें हैं, जबकि आरजेडी के पास सिर्फ एक सीट है।
इसलिए, सियासी दृष्टिकोण से यह कार्यक्रम दरभंगा और आसपास के क्षेत्रों में एनडीए के लिए एक मजबूत संदेश देने का अवसर बन सकता है। साथ ही, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह साझेदारी राज्य के लोगों के बीच एक सकारात्मक संदेश भेजेगी, जो आगामी चुनावों में एनडीए के लिए फायदेमंद हो सकती है।
दरभंगा एम्स का शिलान्यास न सिर्फ बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए, बल्कि समूचे मिथिलांचल और सीमांचल के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह परियोजना उस क्षेत्र के लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगी, जिससे न सिर्फ बिहार बल्कि नेपाल के तराई क्षेत्र के लोग भी लाभान्वित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संयुक्त प्रयासों से यह परियोजना धरातल पर आकार ले रही है और इसके पूरा होने के बाद यह मिथिलांचल के लिए एक नया युग शुरू करेगा।
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