सेंट्रल डेस्क: Macron dissolves the French parliament : यूरोपियन यूनियन के चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को अचानक संसद भंग करने का ऐलान कर दिया है। अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने इस महीने के अंत में संसदीय चुनाव कराने का भी ऐलान किया है। संसद भंग करने के बाद मैक्रों ने कहा कि देश में अगले चुनाव 30 और 7 जुलाई को दो चरणों में कराए जाएंगे।
Macron dissolves the French parliament : यूरोपियन यूनियन चुनावव में मैक्रों को मिली शिकस्त
हाल ही में हुए यूरोपियन यूनियन के चुनाव में मैक्रों की प्रतिद्वंद्वी मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली ने बड़ी जीत दर्ज की है। यूनियन के चुनाव के आए एग्जिट पोल्स से निराश होकर मैक्रों ने कहा कि यूरोप की रक्षा करने वाली पार्टियों के लिए ये परिणाम अच्छे नहीं हैं।
Macron dissolves the French parliament : मैक्रों ने अपने संबोधन में क्या कहा?
इससे पहले नेशनल रैली की नेता जॉर्डन बार्डेला देश में संसदीय चुनाव कराने की मांग कर चुकी है। मैक्रों ने सरकारी टेलीविजन पर बोलते हुए कहा की मैंने आपका संदेश सुन लिया है और मैं इसे बिना जवाब दिए जाने नहीं दे सकता। फ्रांस को शांति और सद्भाव से काम करने के लिए स्पष्ट बहुमत की जरूरत है। मैं ऐसे बर्ताव नहीं कर सकता कि कुछ नहीं हुआ है, मैंने तय किया है कि आपको चुनाव करने का मौका दिया जाए इसलिए मैं नेशनल असेंबली को आज रात ही भंग कर रहा हूं।
Macron dissolves the French parliament :फ्रांस की जनता पर भरोसा जताया
अपने संबोधन में मैक्रों ने यकीन जताया है कि फ्रांस के जनता आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर फैसला करेगी और एक अच्छी सरकार को चुनेगी। साथ उन्होंने यूरोपियन यूनियन और देश में बढ़ते दक्षिणपंथी पार्टियों के प्रभाव पर कहा कि यूरोप में दक्षिणपंथी पार्टियां हर जगह आगे बढ़ रही हैं। ऐसे में मैं खुद को नहीं जोड़ सकता इसलिए मैंने असेंबली भंग कर आपको विकल्प देने का फैसला किया है। वही यूरोपियन चुनावों के एग्जिट पोल के मुताबिक 28 साल की जॉर्डन बार्डेल के नेतृत्व वाली नेशनल रैली को करीब 32 फीसदी वोट मिले हैं। जबकि मैक्रों की रेनेसॉ पार्टी इसके आधे से भी कम करीब 14 फीसदी वोट मिले हैं।
Macron dissolves the French parliament :27 देशों का संघ है यूरोपियन यूनियन
यूरोपियन यूनियन यूरोप के 27 देशों का राजनीतिक और आर्थिक संघ है। इसमें एक संसद होती है जिसके प्रतिनिधियों को सीधे यूरोपीय नागरिकों द्वारा चुना जाता है। इसका काम यूरोपीय कानून की लोकतांत्रिक वैधता को बनाए रखना है। ये यूनियन नागरिकों के प्रतिनिधियों से बनी है, जो एक बार चुने जाने के बाद पांच साल तक प्रतिनिधित्व करते हैं।